कम पैसों में शुरू करें घड़ियों का बिजनेस : Most Profitable Business
हलो फ्रेंड्स
बिजनेस मंत्रा ब्लाग पर आपका स्वागत है. इस ब्लाग के माध्यम से बिजनेस आइडियाज, मोटिवेशन, मार्केटिंग और पब्लिसिटी के बारे में जानकारी देते हैं. जो नए बिजनेस शुरू करने वालों के लिए काफी फायदेमंद हंैं.
आज हम जानकारी दे रहे हैं घड़ियों के बिजनेस के बारे में. घड़ियों का बिजनेस कई तरह से कर सकते है. जिसमें रेडिमेड घड़िया या फिर लग्जरी घड़ियों के काॅपी किए गए घड़ियों को सेल कर सकते हैं. इसके अलावा घड़ियों की एसेबलिंग करके भी काफी लाभ कमा सकते हैं.
यहां हम घड़ी की एसेबलिंग बिजनेस के बारे में जानकारी दें रहे हैं. घड़ी की एसेबलिंग की बात सुनकर अधिकतर लोगों को अजीब लग रहा होगा. सोच रहे होंगे कि घड़ी के एसेबलिंग कैसे की जाएगी. दोस्तो, घड़ियों की एसेबलिंग का बिजनेस काफी फायदेमद बिजनेस है. इस बिजनेस को कम पैसों में घर से किस तरह से किया जा सकता है. यह जानना चाहते हैं तो आर्टिकल्स को अंत तक जरूर पढ़ें. इसके बाद कोई सवाल होने पर आप कमेंट बाक्स में लिखें हम उसका जवाब जरूर देंगे.
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देश में मध्यम वर्ग के आय में बढ़ौत्तरी होने की वजह से एक बार फिर घड़ियों के मार्केट में बूम आया है. मार्केट विशेषज्ञों के अनुसार, 2020 तक घड़ियों का मार्केट 5 हजार करोड़ से बढ़कर 15 हजार करोड़ पहुंच जाएंगा.
एसोमेच की एक रिपोट के अनुसार घरेलू स्तर पर घड़ी के कारोबार में 15 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ौत्तरी हो रही है. अगले पांच सालों में दुगुनी होने की संभावना है. रिर्पोट के मुताबिक घड़ियों की खरीददारी में पुरूषों से महिलाएं काफी आगे है.
रिपोर्ट के अनुसार देश के संगठित क्षेत्र में अकेले घड़ी कारोबार की 48 प्रतिशत की हिस्सेदारी है और इसके अलावा गैर संगठित क्षेत्र की भी इसमें बड़ी हिस्सेदारी है.
एसोमेच की एक रिपोट के अनुसार घरेलू स्तर पर घड़ी के कारोबार में 15 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ौत्तरी हो रही है. अगले पांच सालों में दुगुनी होने की संभावना है. रिर्पोट के मुताबिक घड़ियों की खरीददारी में पुरूषों से महिलाएं काफी आगे है.
रिपोर्ट के अनुसार देश के संगठित क्षेत्र में अकेले घड़ी कारोबार की 48 प्रतिशत की हिस्सेदारी है और इसके अलावा गैर संगठित क्षेत्र की भी इसमें बड़ी हिस्सेदारी है.
सर्वाधिक मांग में 100 रूपयों से लेकर 500 रूपयों, दूसरे नंबर पर 500 से 5000 रूप्ये की घड़ियों की है. तीसरे वर्ग में 5000 से अधिक की घडियो़ों की डिमांड हैं. घड़ियों में मैकेनिकल, आॅटोमेटिक तथा क्र्वाट्स तीन प्रकार की घड़ियों की डिमांड है इनमें से क्वार्ट्स की घड़ियों की सबसे अधिक डिमांड है. यह सस्ती होने के साथ दिखने में भी काफी आकर्षक होती है. इन्हें तैयार करना भी आसान है.
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दीवार घड़ी हो या हाथ घड़ी इन्हें एसेबलिंग करना बड़ा आसान है. हर घड़ी में कई तरह के पार्टस होते हैं. उन्हें जोड़ना होता है. इसी को एसेबलिंग कहा जाता है. घड़ियों के पाट्र्स को जोड़ने के लिए किसी टेªनिंग या मेकेनिकल डिगी होने की आवश्यकता नहीं होती. हर घड़ी में 5-6 पाट्र्स होते है. दीवार घड़ी में सुईया, डायल, डायल केस, मशीन, सेल तथा हाथ घड़ी में बेल्ट, सुईया, मशीन, सेल और ढक्कन. सभी को जोड़ दिया जाए तो घड़ी तैयार हो जाती है. एक घड़ी को जोड़ने में मुश्किल से 3 से 4 मिनट लगते है.
घड़ियों के सारे पुर्जे होलसेल मार्केट में मिल जाएंगे. इन्हें थोक के भाव खरीद कर ला सकते हैं. घड़ी के पुर्जे 6 रूपए से लेकर 30 रूपए प्रति दर्जन के हिसाब से मिल जाएंगे. इस हिसाब से एक घड़ी 20 से 50 रूपए में तैयार हो जाती है.
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अब आप सोच रहे होगें की इन घड़ियों को तैयार करके कहा बेचें. इन घड़ियों को अपने शहर के रिटेल मार्केट में 10 रूपए से 50 रूपए की मार्जिन पर बेच सकते हैं. यदि दिनभर में 100 घड़ियां भी बेच लेते है तो हजार से 2 रूपए आसानी से कमा सकते हैं.
इसके अलावा, खुद भी शाॅप खोल कर इसे सेल कर सकते है. तब आपको एक घड़ी पर 50 रूपए से 150-200 रूपए तक का लाभ मिल सकता है. अपने शहर के आसपास के हाट बाजार में भी इन्हें बेच सकते है. शहर में लगने वाले मेले, एग्जीविशन, इंडस्ट्रीयल एरिया, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मेन मार्केट आदि स्थानों पर स्टाॅल लगाकर भी इन्हें सेल कर सकते हैं.
अब बात आती है माल कहां से लाएं. इसका सबसे बड़ा मार्केट है पुरानी दिल्ली. पुरानी दिल्ली के लालकिला के सामने इलेक्टिकलस मार्केट, लाजपत राय मार्केट व भगीरथ पैलेस इस मार्केट में आपको घड़ियों के पार्ट्स के ढ़ेर सारी दुकान मिल जाएंगी. आप यहां से माल खरीद सकते हैं. इन्हें अपने शहर में एसेबंलिंग कर सेल कर सकते हैं. होलसेल पाटर््स के दुकानदार भी एसेबलिंग किए गए घड़िसों को खरीद लेते है. यदि आप दिल्ली के आसपास रहते है तो डायरेक्ट उन्हें सप्लाई दे सकते हैं.
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घड़ियों को एसेबलिंग करने यदि आप खुद ही बेचे तो इसका अधिक लाभ मिलता है. क्योंकि घड़ियों की कोई फिक्स रेट नहीं है. घड़ियों की कीमत उसके डायल, बेल्ट, बाहरी केस पर डिपेंड करती है. घड़ी जितनी आकर्षक होगी है उसकी कीमत भी उतनी ही अधिक आंकी जाती है.
तैयार घड़ियों को रिटेल में या थोक में बेच सकते हैं. घड़ियों की एसेबलिंग करके रिटेल या होल सेल के भाव में ई काॅर्मस वेबसाइट पर रिजस्टर्ड करके भी बेच सकते है. चाहे तो अपनी कंपनी रजिस्टर्ड करके ब्रांड भी बना सकते हैं.
फ्रेंड्स, कम बजट में घड़ियों के एसंबलिंग बिजनेस शुरू करने के बारे में दी गई जानकारी आपको जरूर पसंद आई होगी. पसंद आने पर इसे लाइक करे, अपने दोस्तों को शेयर करें, जो लोग इस ब्लाग पर पहली बार आएं है वे बिजनेस से संबंधित जानकारियां नियमित पाना चाहते हैं तो सबक्राइब करें. (काॅपीराइट बिजनेस मंत्रा)