स्लीपर यानी चप्पल मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस : कम बजट में भरपूर लाभ : Busine... - Business Mantra बिजनेस मंत्रा : सफलता की कुंजी

स्लीपर यानी चप्पल मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस : कम बजट में भरपूर लाभ : Busine...




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स्लीपर यानी चप्पल मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस : कम बजट लाखों की कमाई : कहां से लें ट्रेनिंग : How To Start Slipper Making Business

स्लीपर यानी चप्पल मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस : कम बजट में भरपूर लाभ : Business Mantra 

हलो फ्रेंड्स

बिजनेस मंत्रा ब्लाग पर आपका स्वागत है. इस चैनेल के माध्यम से बिजनेस आइडियाज, मोटिवेशन, मार्केटिंग और पब्लिसिटी के बारे में जानकारी देते हैं. जो नए बिजनेस शुरू करने वालों के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. आपको बिजनेस से संबंधित वीडियो में रूचि है तो युट्यिुब चैनल बिजनेस मंत्रा चैनल को सबक्राइब कर दें साथ ही बेल आईकाॅन को भी क्लिक कर दें. जिससे वीडियो के अपलोड होने की सूचना मिलती रहे.

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आज हम जानकारी दे रहे हंै स्लीपर यानी चप्पल मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस के बारे में. स्लीपर का इस्तेमाल घर हो या बाहर दोनों जगहों के लिए किया जाता है. बाजार में विभिन्न प्रकार के स्लीपर बिकते हैं. कई छोटी बड़ी कंपनियां स्लीपर मैन्युफैक्चरिंग करके काफी अच्छा लाभ कमा रही है. आप भी इस बिजनेस को शुरू करके प्रतिमाह अच्छी कमाई कर सकते हैं.

स्लीपर बनाने के लिए कच्चे माल के तौर पर हवाई रबर शीट्स और स्टैªप्स शीट्स की आवश्यकता होती है. मशीनों में हैण्ड आॅपरेट सोल कटिंग मशीन, होल मेकिंग मशीन, फिनिशिंग या ग्राइडिंग मशीन, विभिन्न रंगों और डिजाइन के लिए डाई कटिंग मशीन, हैण्ड ओपरेट टूल एवं पैकिंग मशीन की आवश्यकता होती है.

सबसे पहले रबर की शीट को सोल कटिंग मशीन की सहायता से काटने की आवश्यकता होती है. एक ही डाई के साइज से पूरी शीट को काटा जाता है.

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यदि मशीन उच्च कोटि की हो तो कटिंग के दौरान ही चप्पल में फीते के स्थान पर सुराख हो जाता है. कटिंग के बाद इसे ग्राइंडिग मशीन की सहायता से स्लीपर के चारों तरह के खुरदुरे भाग को प्लेन किया जाता है.

चप्पल की कटिंग हो जाने के बाद इसे विभिन्न रंगों और डिजाइन में प्रिंट किया जाता है. जिससे स्लीपर का आकर्षण बढ़ जाता है. प्रिटिंग के लिए काफी कम खर्च आता है. स्लीपर प्रिंट हो जाने के बाद इन्हें सूखने के लिए रखा जाता है.


 सूख जाने के बाद इसे ड्रिलिंग मशीन की सहायता से आवश्यक स्थानों पर सुराख को बड़ा किया जाता है. इसके बाद स्ट्रैप डालने की मशीन यानि हैण्ड ओपरेट टूल की सहायता से इसमें फीते डाले जाते है. अब यह मार्केट में बिकने के लिए तैयार हैं.

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स्लीपर की पैकेजिंग के लिए अनेक प्रकार के बाॅक्स का उपयोग होता है. स्लीपर के लिए बाॅक्स चाहे तो आप स्वयं भी तैयार कर सकते है अथवा मार्केट से तैयार बाॅक्स को खरीद कर भी उपयोग कर सकते हैं. ध्यान रहे पैकिंग के दौरान बाॅक्स पर अपनी कंपनी का ब्रांड लोगों या स्टीकर जरूर चिपकाएं. जो कंपनी को पहचान दिलाती है.

आप अपने ब्रांड की पब्लिसिटी के लिए पेपर, टीवी या रेडियों, पोस्टर या होडिंग के माध्यम से कर सकते हंै. इसकी मार्केटिंग के लिए शहर के सभी छोटे-बड़े जूते-चप्पलों की दूकानों में संपर्क कर सकते हैं. यदि आप बड़े स्तर पर स्लीपर मैन्युफैक्चरिंग कर रहे हैं तो शो रूम और माॅल में भी सप्लाई दे सकते हैं.आप चाहे तो इसकी सेलिंग के लिए जगह-जगह शोरूम भी तैयार कर सकते हैं. 

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स्लीपर बनाना वैसे तो आसान है लेकिन मेरा मानना है यदि आप स्लीपर मैन्युफैक्चरिंग उद्योग शुरू करना चाहते हैं तो स्लीपर बनाने की ट्रेनिंग अवश्य लें. ट्रेनिंग के लिए आप खादी ग्रामोउद्योग से संपर्क कर सकते है. जिस का लिंक ब्लाॅग में दिया गया है. ट्रेनिंग के लिए आप अपने क्षेत्र के जिला उद्योग केंन्द्र में भी सम्पर्क कर सकते हैं जहां समय-समय पर इसकी ट्रेनिंग दी जाती है.

ट्रेनिंग लेने से बहुत सी जानकारी मिल जाती है. ट्रेनिंग के दौरान प्रैटिक्ल करने से मशीन का सही तरीके से इस्तेमाल करना आ जाता है. उद्योग को शुरू करने से संबंधित बहुत-सी बातों के बारे में भी पता चल जाता है. जिससे आप पूरे काॅन्फिडेंस के साथ उद्योग को आरम्भ कर सकते है.

खादी ग्रामोउद्योग ट्रेनिंग लिंक -

http://www.kvic.org.in/oldwebsite/index.php?option=com_content&view=article&id=333&Itemid=276

इस उद्योग को छोटे स्तर पर शुरू करने के लिए एक लाख रूपए की और बड़े स्तर पर शुरू करने के लिए पांच से छह लाख रूप्ए की आवश्यकता होती है. इसी तरह से छोटे स्तर पर स्लीपर मैन्युफैक्चरिंग के लिए आपको कम से कम 300 वर्ग मीटर की जगह की आवश्यकता होगी. जहां पर उद्योग से संबंधित मशीनों को फीट कर सकें.

स्लीपर मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस में यदि आप छोटे स्तर पर बिजनेस करते है तो प्रतिमाह 30 से 40 हजार रूप्ए कमा सकते है. यदि आप बड़े स्तर पर करते है तो प्रतिमाह लाखों रूप्ए कमा सकते हैं.







स्लीपर मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस के लिए एमएसएमई के अंतर्गत व्यापार रजिस्ट्रेशन या उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. इसके अलावा आपको अपने ब्रांड का पंजीकरण अंतर्गत दाखिल कराना होगा. व्यापार को सुचारू रूप से चलाने के लिए आपको ट्रेड लाइसेस, फर्म का करंट बैंक एकाउण्ट, पैन कार्ड आदि की आवश्यकता होती है.

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उद्योग आधार रजिस्टेशन होने पर आप स्लीपर मैन्युफैक्चरिंग उद्योग के लिए बैंक से लोन भी ले सकते हैं.

पाॅवर टिप्स


- सबसे जरूरी बात है स्लीपर की क्वालिटी अच्छी होनी चाहिए. स्लीपर की क्वालिटी अच्छी होगी तो आपको मार्केट में अपनी जगह बनाने में अधिक समय नहीं लगेगा.

- स्लीपर की क्वालिटी अच्छी रखने के लिए आपको इसके लिए अच्छे क्वालिटी का रबर शीट इस्तेमाल करना चाहिए. मार्केट में लो क्वालिटी का रबर  शीट भी मिलता है. जिससे अच्छे क्वालिटी के स्लीपर तैयार नहीं होते हैं.

- स्लीपर की कटिंग सही हो और उसकी फीनिंशिग भी अच्छी तरह से होनी चाहिए.

- उद्योग शुरू करने से पहले आवश्यक लाइसेंस और परमिशन अवश्य लें लें. ताकि बिजनेस को सुचारू रूप् से चलाने में कोई बाधा न आएं. 

मशीन के बारे में लिंक -

https://dir.indiamart.com/impcat/footwear-machinery.html

https://www.tradeindia.com/manufacturers/slipper-making-machine.html

https://www.alibaba.com/showroom/rubber-slippers-making-machine.html


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