स्मार्टफोन ने उनकी जिंदगी बदल दी
ग्रामीण महिलाएं स्मार्टफोन से कर रही है व्यापार : Smart Phone Se Kare Kamai
आज हम जानकारी दे रहे हैं ग्रामीण महिलाएं स्मार्टफोन के द्वारा अपना कारोबार कर रही है.
ग्रामीण महिलाओं में हाथों में स्मार्टफोन और फोन द्वारा कारोबार सुन कर हंसी आ रही होगी. इस पर हंसने की बजाय गंभीरता से विचार करने वाली बात है. ग्रामीण महिलाओं ने जो कर दिखाया है वह उन लोगों के लिए करारा तमाचा है जो खुद को बेरोजगार मान कर लोगों की सिम्पैथी बटोरते रहते हैं.
एसोमेच की एक रिर्पोट के अनुसार ग्रामीण महिलाएं न केवल स्मार्टफोन चलाने लगी है. बल्कि वह अपने स्मार्टफोन पर इंटरनेट भी चला रही है और तो और इसके साथ वह कारोबार भी कर रही है. आइए देखते है कैसे? इस वीडियो को आप शुरू से लास्ट तक जरूर देखें यह काफी इंटेस्टिंग है.
रिर्पोट के अनुसार 40 प्रतिशत ग्रामीण महिलाएं स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रही है. जिनमें से अधिकतर महिलाएं इसका इस्तेमाल अपने कारोबार को बढ़ाने में कर रही है. इन महिलाओं का कहना है, स्मार्टफोन ने उनकी जिंदगी बदल दी है. स्मार्टफोन की वजह से उन्हें बाहर निकल कर काम की तलाश नहीं करनी पड़ रही है. अब वे घर बैठे ही काम कर लेती है.
स्मार्टफोन चलाने वाली 10 प्रतिशत महिलाएं इस पर इंटरनेट चला रही है. वहां सर्च करके अपने लिए काम की तलाश कर लेती है. 80 प्रतिशत महिलाएं ईमेल के जरिए कारोबारियों की तलाश करती है. ग्रामीण महिलाएं व्हाट्एप द्वारा अपने द्वारा तैयार प्रोडेक्ट के लिए कस्टमर की तलाश कर रही है. इतना ही नहीं वे उन्हें अपने प्रोडेक्ट को खरीदने के लिए कंवैंस भी करती है. साथ ही साथ स्मार्टफोन के माध्यम से अपने बिजनेस की पब्लिसीटी भी करती है.
सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इनमें से अनेक महिलाएं तो काफी कम पढ़ीलिखी है. लेकिन स्मार्टफोन पर जब इनकी उगंलियां चलती है तो देखने वालों की आंखे फटी की फटी रह जाती है. रिपोर्ट में दिए गए आकड़े के अनुसार 10.8 प्रतिशत ग्रामीण महिलाओं के पास स्मार्टफोन है. हो सकता है जिओ ने इनकी संख्या में और भी इजाफा किया हो. जिनमें से 12 प्रतिशत ग्रामीण महिलाएं स्मार्टफान पर इंटरनेट का इस्तेमाल भी करती है.
यह सब सुनकर कईयों के दिमाग में यह बात भी आ रही होगी कि ग्रामीण महिलाएं वे भी कम पढ़ी लिखी भला स्मार्टफोन के द्वारा ऐसी कौन-सा बिजनेस करती होगी. समझदार और बुध्दिमान महिलाएं हमेशा ही अपने परिवार की भलाई के लिए कोई ना कोई रास्ता ढुंढ़ ही लेती है. इस मामले में ग्रामीण महिलाएं भी पीछे नहीं है.
स्मार्टफोन के द्वारा ग्रामीण महिलाएं फूल और सब्जियों का बिजनेस करती है. ग्रामीण महिलाएं अपने स्मार्टफोन के द्वारा इनका आर्डर लेती है. और उन्हें व्यापारियों तक पहुंचाने तक का काम करती है. सीजन के समय सब्जियों की डिमांड बढ़ जाती है. उस समय वे काफी अच्छी कमाई करती है. यहीं नहीं त्यौहारों के दिनों में इन्हें फुर्सत नहीं मिलती. अपने आर्डर को पूरा करने के लिए 14 से 18 घंटे काम करती हैं.
त्यौहरों के दिनों में सिर्फ फूल ही नहीं, पूजा से संबंधित और भी सामग्री जैसे तुलसी, केला, आम, बेल, सोन, मदार आदि के पत्ते, दूबा, गंेहूॅ की बाली, धान की बाली, कास फूल, आदि संग्रह कर उन्हंे थोक बाजार तक पहुंचाती है. जिससे वह काफी अच्छी कमाई कर लेती है. इतना ही नहीं गोबर से तैयार कंढे आदि का सप्लाई भी करती है.
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ग्रामीण महिलाएं अपने स्मार्टफोन के द्वारा दुधारू पशुओं जैसे गाय, भैंस, बकरी, भेड़ आदि की बिक्री भी कर लेती है. दूध, घी, खोवा की बिक्री अपने स्मार्टफोन के माध्यम से कर लेती है. मुर्गी, बटेर और उनके अंडो व चूजों की बिक्री का काम भी स्मार्टफोन से कर रही है. इनके अलावा अनेक महिलाएं कपड़े, राशन, किराना दुकान भी चला रही है.
शहरी स्लम इलाके की कम पढ़ी लिखी महिलाएं प्रापर्टी की दलाली, रूम रेंटल, होममेड दिलवाने का काम अपने स्मार्टफोन से कर रही है. यहीं नहीं अनेक चतुर व बुध्दिमान महिलाएं ट्रेन, फ्लाइट या बस का टिकट दिलाने के साथ विदेश में भेंजवाने के लिए वीजा का काम भी कर रही है.
मेट्रो शहर के आसपास में रहने वाली अनेक ग्रामीण महिलाएं ऐसे कामों में काफी रूचि लेती है और अपने परिवार के जीवन स्तर को उठाने में लगी रहती है. महिलाएं जो काम कर रही है वह पूरी ईमानदारी के साथ कर रही है. वे जो कमिटमेंट करती है उसे पूरा करती है. इसलिए बड़े व्यापारी इन से डील करके काफी खुश है.
जहां आज के युवा स्मार्ट फोन में अपना अधिकतर वक्त मोबाइल चेटिंग या गंदी फिल्में देखने में व्यतीत करते हैं. वहीं अनपढ़ और कम पढ़ीलिखी महिलाएं स्मार्टफोन का इस्तेमाल अपने परिवार के जीवनस्तर को उठाने में लगा रही है.
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ग्रामीण महिलाओं ने खुद कुछ करने के लिए कहीं से ट्रेनिंग नहीं ली. ना उन्हें ऐसा करने के लिए किसी ने मोटिवेट किया? इसके बावजूद उन्होंने मोबाइल में अपना भविष्य ढुंढ़ लिया. उन्हें देखकर यह स्पष्ट होता है कि मन में यदि कुछ हासिल करने की बात ठान ली जाएं तो उसे किसी भी तरह से हासिल किया जा सकता है.
मुझे उम्मीद है. यह वीडियो उनके मन में कुछ कर दिखाने का जज्बा पैदा करेगा जो अब तक कुछ नहीं कर रहे हैं. वे अपने हिसाब से ऐसा कोई रास्ता तलाश करने की कोशिश करेंगे और दुसरों के लिए भी प्रेरणा स्त्रोत बनेंगे. (कॉपीराइट बिजनेस मंत्रा)
ग्रामीण महिलाओं में हाथों में स्मार्टफोन और फोन द्वारा कारोबार सुन कर हंसी आ रही होगी. इस पर हंसने की बजाय गंभीरता से विचार करने वाली बात है. ग्रामीण महिलाओं ने जो कर दिखाया है वह उन लोगों के लिए करारा तमाचा है जो खुद को बेरोजगार मान कर लोगों की सिम्पैथी बटोरते रहते हैं.
एसोमेच की एक रिर्पोट के अनुसार ग्रामीण महिलाएं न केवल स्मार्टफोन चलाने लगी है. बल्कि वह अपने स्मार्टफोन पर इंटरनेट भी चला रही है और तो और इसके साथ वह कारोबार भी कर रही है. आइए देखते है कैसे? इस वीडियो को आप शुरू से लास्ट तक जरूर देखें यह काफी इंटेस्टिंग है.
रिर्पोट के अनुसार 40 प्रतिशत ग्रामीण महिलाएं स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रही है. जिनमें से अधिकतर महिलाएं इसका इस्तेमाल अपने कारोबार को बढ़ाने में कर रही है. इन महिलाओं का कहना है, स्मार्टफोन ने उनकी जिंदगी बदल दी है. स्मार्टफोन की वजह से उन्हें बाहर निकल कर काम की तलाश नहीं करनी पड़ रही है. अब वे घर बैठे ही काम कर लेती है.
स्मार्टफोन चलाने वाली 10 प्रतिशत महिलाएं इस पर इंटरनेट चला रही है. वहां सर्च करके अपने लिए काम की तलाश कर लेती है. 80 प्रतिशत महिलाएं ईमेल के जरिए कारोबारियों की तलाश करती है. ग्रामीण महिलाएं व्हाट्एप द्वारा अपने द्वारा तैयार प्रोडेक्ट के लिए कस्टमर की तलाश कर रही है. इतना ही नहीं वे उन्हें अपने प्रोडेक्ट को खरीदने के लिए कंवैंस भी करती है. साथ ही साथ स्मार्टफोन के माध्यम से अपने बिजनेस की पब्लिसीटी भी करती है.
सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इनमें से अनेक महिलाएं तो काफी कम पढ़ीलिखी है. लेकिन स्मार्टफोन पर जब इनकी उगंलियां चलती है तो देखने वालों की आंखे फटी की फटी रह जाती है. रिपोर्ट में दिए गए आकड़े के अनुसार 10.8 प्रतिशत ग्रामीण महिलाओं के पास स्मार्टफोन है. हो सकता है जिओ ने इनकी संख्या में और भी इजाफा किया हो. जिनमें से 12 प्रतिशत ग्रामीण महिलाएं स्मार्टफान पर इंटरनेट का इस्तेमाल भी करती है.
यह सब सुनकर कईयों के दिमाग में यह बात भी आ रही होगी कि ग्रामीण महिलाएं वे भी कम पढ़ी लिखी भला स्मार्टफोन के द्वारा ऐसी कौन-सा बिजनेस करती होगी. समझदार और बुध्दिमान महिलाएं हमेशा ही अपने परिवार की भलाई के लिए कोई ना कोई रास्ता ढुंढ़ ही लेती है. इस मामले में ग्रामीण महिलाएं भी पीछे नहीं है.
स्मार्टफोन के द्वारा ग्रामीण महिलाएं फूल और सब्जियों का बिजनेस करती है. ग्रामीण महिलाएं अपने स्मार्टफोन के द्वारा इनका आर्डर लेती है. और उन्हें व्यापारियों तक पहुंचाने तक का काम करती है. सीजन के समय सब्जियों की डिमांड बढ़ जाती है. उस समय वे काफी अच्छी कमाई करती है. यहीं नहीं त्यौहारों के दिनों में इन्हें फुर्सत नहीं मिलती. अपने आर्डर को पूरा करने के लिए 14 से 18 घंटे काम करती हैं.
त्यौहरों के दिनों में सिर्फ फूल ही नहीं, पूजा से संबंधित और भी सामग्री जैसे तुलसी, केला, आम, बेल, सोन, मदार आदि के पत्ते, दूबा, गंेहूॅ की बाली, धान की बाली, कास फूल, आदि संग्रह कर उन्हंे थोक बाजार तक पहुंचाती है. जिससे वह काफी अच्छी कमाई कर लेती है. इतना ही नहीं गोबर से तैयार कंढे आदि का सप्लाई भी करती है.
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ग्रामीण महिलाएं अपने स्मार्टफोन के द्वारा दुधारू पशुओं जैसे गाय, भैंस, बकरी, भेड़ आदि की बिक्री भी कर लेती है. दूध, घी, खोवा की बिक्री अपने स्मार्टफोन के माध्यम से कर लेती है. मुर्गी, बटेर और उनके अंडो व चूजों की बिक्री का काम भी स्मार्टफोन से कर रही है. इनके अलावा अनेक महिलाएं कपड़े, राशन, किराना दुकान भी चला रही है.
शहरी स्लम इलाके की कम पढ़ी लिखी महिलाएं प्रापर्टी की दलाली, रूम रेंटल, होममेड दिलवाने का काम अपने स्मार्टफोन से कर रही है. यहीं नहीं अनेक चतुर व बुध्दिमान महिलाएं ट्रेन, फ्लाइट या बस का टिकट दिलाने के साथ विदेश में भेंजवाने के लिए वीजा का काम भी कर रही है.
मेट्रो शहर के आसपास में रहने वाली अनेक ग्रामीण महिलाएं ऐसे कामों में काफी रूचि लेती है और अपने परिवार के जीवन स्तर को उठाने में लगी रहती है. महिलाएं जो काम कर रही है वह पूरी ईमानदारी के साथ कर रही है. वे जो कमिटमेंट करती है उसे पूरा करती है. इसलिए बड़े व्यापारी इन से डील करके काफी खुश है.
जहां आज के युवा स्मार्ट फोन में अपना अधिकतर वक्त मोबाइल चेटिंग या गंदी फिल्में देखने में व्यतीत करते हैं. वहीं अनपढ़ और कम पढ़ीलिखी महिलाएं स्मार्टफोन का इस्तेमाल अपने परिवार के जीवनस्तर को उठाने में लगा रही है.
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मित्रों इस वीडियो में हमने किसी बिजनेस के बारे में जानकारी नहीं दी है. बल्कि स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करके ग्रामीण महिलाएं जो कर रही है, उनसे आज के युवाओं को सबक लेना चाहिए. उन्हें यह समझना चाहिए की स्मार्टफोन का इस्तेमाल करके अपने समय को नष्ट करने की बजाय इसे स्मार्ट वर्क में लगाना चाहिए.
ग्रामीण महिलाओं ने खुद कुछ करने के लिए कहीं से ट्रेनिंग नहीं ली. ना उन्हें ऐसा करने के लिए किसी ने मोटिवेट किया? इसके बावजूद उन्होंने मोबाइल में अपना भविष्य ढुंढ़ लिया. उन्हें देखकर यह स्पष्ट होता है कि मन में यदि कुछ हासिल करने की बात ठान ली जाएं तो उसे किसी भी तरह से हासिल किया जा सकता है.
मुझे उम्मीद है. यह वीडियो उनके मन में कुछ कर दिखाने का जज्बा पैदा करेगा जो अब तक कुछ नहीं कर रहे हैं. वे अपने हिसाब से ऐसा कोई रास्ता तलाश करने की कोशिश करेंगे और दुसरों के लिए भी प्रेरणा स्त्रोत बनेंगे. (कॉपीराइट बिजनेस मंत्रा)