Business Ideas : Gaon Mai
Masala Udyog Kaise Start Kare
New Business Ideas || गांव में मसाला उद्योग कैसे शुरू करें || How to Start a Spice Business
हलो फ्रेंड्स, बिजनेस मंत्रा ब्लाॅग (Business Mantra Blog) पर आप सभी का स्वागत है. गांव में शुरू करें लघु उद्योग के अंतर्गत जानकारी दे रही हूं मसाला उद्योग (Masala Udyog) के बारे में. गांव में आप किसी लघु उद्योग (Laghu Udyog) के बारे में जानकारी चाहते है तो यह आर्टिकल्स आपके लिए है. हमारे देश में अनेक प्रकार के मसाले (Indian Masala) पाएं जाते है. उन मसालों की खेती (Masala ki Kheti) गांव में होती है. देश का कोई भी प्रांत ऐसा नहीं है जहां पर मसालों की खेती (Masala ki kheti) ना होती हो. देश के राजस्थान और गुजरात जैसे मरूभूमि से लेकर असम, मेघालय, कश्मीर जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में भी विशेष प्रकार के मसालों (Indian Masala) की खेती होती है और इनकी डिमांड देश में ही नहीं विदेशों में भी खूब है.
आप देश के जिस भी प्रांत में रहते है. वहां आसपास किसी ना किसी खास मसालें का उत्पादन होता है. गांव में लघु उद्योग (Laghu Udyog) शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले इस बात की जानकारी होनी चाहिए की आप जहां रहते है वहां कौन कौन से मसालों का उत्पादन होता है.
मसाला उद्योग (Masala Udyog) को आप छोटे स्तर पर शुरू कर सकते है. इसके लिए किसी खास मशीन की आवश्यकता भी नहीं है. आप घर पर हाथ से मसाल कूटकर भी इस उद्योग को शुरू कर सकते है.
हाथ से कूटे मसालों की आज भी खूब डिमांड है. आप किसी शहर के पास रहते है वहां आप हाथ से कूटे मसालों की सप्लाई दे सकते है. हाथ से कूटे मसालों को छोटे छोटे पैकेट बनाकर शहर के होलसेल मार्केट और रिटेल मार्केट में बेच सकते है.
यदि आप मसाला उद्योग (Masala Udyog) के बारे में पूरी जानकारी चाहते है तो दिए गए नंबर पर आप हमसे संपर्क कर सकते है.
Mob . 90398 28298
Indian Spices Names भारतीय मसालों के नाम
अनेक प्रकार के मसालों की खेती होती है. भारत की जलवायु ऐसी है जो विभिन्न प्रकार के फसलों के उत्पादन में मदद करती है. कम लागत में अच्छी पैदावार के साथ ही इससे अच्छी आय मिल जाती है. मसाला के विश्व व्यापार को देखते हुए सरकार द्वारा भी काफी मदद की जा रही है. हमारे देश में मसालों में धनिया, मेथी, सौंफ, जीरा, सरसों, अजोवन, कालीमिर्च, लौंग, इलाइची, दालचीनी, जायफल, तेजपत्ता, केसर, कलौंजी, हल्दी, मिर्च, कोकम, लहसून, अदरक आदि अनेक प्रकार के मसालो की खेती की जाती है. संसद द्वारा पारित अधिनियम के तहत, स्पाइसेस बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में लगभग 52 मसालों को रखा गया है. वैसे आई एस ओ की सूची में 109 मसालों के नाम शामिल है. यहां कुछ स्पेशल भारतीय मसालों के नाम indian spices names दिए जा रहे हैं.
गुंटूर एसडीए-मिर्च, हल्दी, इमली, कालीमिर्च, करीपत्ता-आंध्र प्रदेश और स्पाइसेस बोर्ड द्वारा यथा अधिसूचित आसपास के क्षेत्र के अन्य मसाला उत्पादक जिले
2 तमिलनाडु - ईरोड -
ईरोड एसडीए-हल्दी, मिर्च, कालीमिर्च, छोटी इलायची, करीपत्ता, इमली, शाकीय मसाले, लौंग, जायफल, धनिया - तमिलनाडु और स्पाइसेस बोर्ड द्वारा यथा अधिसूचित आसपास के क्षेत्र के अन्य मसाला उत्पादक जिले
3 कर्नाटक - हावेरी -
हावेरी एसडीए - कालीमिर्च, मिर्च, इलायची, अदरक, हल्दी, कोकम, धनिया - कर्नाटक और स्पाइसेस बोर्ड द्वारा यथा अधिसूचित आसपास के क्षेत्र के अन्य मसाला उत्पादक जिले
4 महाराष्ट् - मुंबई -
मुंबई एसडीए - हल्दी, मिर्च, कोकम - महाराष्ट्र और स्पाइसेस बोर्ड द्वारा यथा अधिसूचित आसपास के क्षेत्र के अन्य मसाला उत्पादक जिले
5 गुजरात - ऊंझा -
ऊंझा एसडीए - जीरा, बड़ी सौंफ, धनिया, मेथी, मिर्च, लहसुन, अजोवन, सोआ बीज - गुजरात और स्पाइसेस बोर्ड द्वारा यथा अधिसूचित आसपास के क्षेत्र के अन्य मसाला उत्पादक जिले
6 राजस्थान - जोधपुर -
जोधपुर एसडीए - धनिया, मेथी, बड़ी सौंफ, जीरा - राजस्थान और स्पाइसेस बोर्ड द्वारा यथा अधिसूचित आसपास के क्षेत्र के अन्य मसाला उत्पादक जिले
7 उत्तर प्रदेश - बाराबंकी -
उत्तर प्रदेश एसडीए पुदीना - उत्तर प्रदेश और स्पाइसेस बोर्ड द्वारा यथा अधिसूचित आसपास के क्षेत्र के अन्य मसाला उत्पादक जिले
8 मध्य प्रदेश - गुना-
गुना एसडीए - लहसुन, घनिया - मध्य प्रदेश और स्पाइसेस बोर्ड द्वारा यथा अधिसूचित आसपास के क्षेत्र के अन्य मसाला उत्पादक जिले
9 असम - गुवाहटी-
गुवाहटी एसडीए-अदरक, कालीमिर्च, हल्दी, मिर्च, बड़ी इलायची, तेजपात - असम और स्पाइसेस बोर्ड द्वारा यथा अधिसूचित आसपास के क्षेत्र के अन्य मसाला उत्पादक जिले
10 सिक्किम -
गान्तोक एसडीए-बड़ी इलायची, अदरक, मिर्च, हल्दी - सिक्किम और स्पाइसेस बोर्ड द्वारा यथा अधिसूचित आसपास के क्षेत्र के अन्य मसाला उत्पादक जिले
11 जम्मू व कश्मीर -
श्रीनगर - केसर उत्पादन व निर्यात विकास एजेंसी (स्पेडा) केसर जम्मू व कश्मीर
फ्रेंड्स आप भी अपने क्षेत्र के अनुसार वहां उत्पादन होने वाले मसालों की खेती करके अच्छा लाभ कमा सकते हैं. इसके लिए आप अपने क्षेत्र के मसाला विकास एजेंसियों (एस डी ए) से संपर्क कर सकते हैं.
Type of Masala Udyogगांव में मसाला उद्योग कैसे शुरू करें
गांव में मसाला उद्योग को दो तरह से शुरू कर सकते है.
1 पीसा मसाला
2 खड़ा मसाला
जैसा की पहले ही बताया है कि हाथ से कुटे पीसे मसालों की आज भी मार्केट में काफी डिमांड है. आप हाथ से मसाला कुट कर आसपास के मार्केट में सप्लाई दे सकते है. और दूसरा तरीका है, अपने गांव में या आसपास के गांव में मसालों की खेती होती है. आप उन खड़े मसाले का बिजनेस कर सकते है.
पीसा मसाला का बिजनेस
पीसे मसाला उद्योग शुरू करने के लिए साबुत मसालों को अच्छे से पीसकर उसे बढ़िया पैकिंग करके मार्केट में सेल करना होता है. पीसे मसालों में मिर्च, हल्दी, धनिया, गर्म मसालें की डिमांड सबसे अधिक है. आजकल मार्केट में सब्जी मसाला, मीट मसाला, चिकन मसाला, छोले मसाला, पापड़ मसाला, अचार मसाला, सांभर मसाला, फ्रूट मसाला, चाट मसाला आदि की डिमांड भी बढ़ गई है.
यदि आप पीसे मसाले का बिजनेस शुरू करना चाहते है तो टेªनिंग लेकर शुरू करें. टेªनिंग लेने पर आप इसे काफी अच्छे तरीके से कर सकते हैं. टेªनिंग लेने का एक फायदा यह होता है कि विभिन्न प्रकार के मसाले जैसे सब्जी मसाला, मीट मसाला, चिकन मसाला छोले मसाला, पापड़ मसाला, अचार मसाला, सांभर मसाला, फ्रूट मसाला, चाट मसाला आदि मसालों को तैयार करने के लिए किन किन मसालों का उपयोग कितनी मात्रा में किया जाता है इस बारे में पूरी जानकारी मिल जाती है.
खड़े मसाले का बिजनेस
जैसा की आप सभी को पता है कि देश में कई तरह के मासालों का उत्पादन होता है. खड़े मसाले में सूखी लाल मिर्च, हल्दी, धनिया, मेथी, सौंफ, जीरा, सरसों, अजोवाइन, कालीमिर्च, लौंग, इलाइची, दालचीनी, जायफल, तेजपत्ता, केसर, कलौंजी, कोकम आदि में से किसी एक का या दो चार खड़े मसालों का बिजनेस कर सकते है.
यदि आप खड़े मसाले का बिजनेस करना चाहते है तो अपने एरिया यानि आसपास के गांव में कौन से मसाले का उत्पादन सबसे अधिक होता है. इसके बारे में पता करें.
उस खड़े मसाले को थोक के भाव में वहां से खरीद लें. सौंफ, जीरा, मैथी, सरसों, कलौंजी, लौंग, इलाइची, तेजपत्ता, केसर, दालचीनी आदि जो भी खड़ा मसाला है उसे अच्छे से साफ कर लें.
आप जिस भी मसाले का बिजनेस करना चाहते है मान लीजिए आप सौंफ का बिजनेस करना चाहते है तो उसे अच्छे से साफ करके उसकी 100 ग्राम, 200ग्राम, 500ग्राम की पैकिंग कर लें.
खड़े मसाले के तैयार पैकेट को होलसेल मार्केट में थोक के भाव बेच दे. आप चाहे तो रिटेलर को भी डायरेक्ट सेल कर सकते है. होलसेल मार्केट में कम समय में आप एक साथ माल को बेच सकते है लेकिन रिटेल में सेल करने के लिए आपको थोड़ा समय देना पड़ेगा. लेकिन इसमें होलसेल की तुलना में कमाई अधिक होती है.
मसाला पैकिंग बिजनेस
खड़ा मसाला पैकिंग बिजनेस शुरू करें या पीसा मसाला पैकिंग बिजनेस इसके लिए पैकिंग मशीन की आवश्यकता होगी. पैकिंग मशीन की मदद से आप पैकेट बनाकर सेल कर सकते हैं.
मसाला उद्योग कहां शुरू करें
Masala Udyog को आप किसी भी छोटे बड़े शहर में शुरू कर सकते हैं. यदि आप छोटे स्तर पर शुरू करना चाहते है तो अपने शहर या आसपास के गांव में करें.
मार्केट में शाॅप खोलकर मसाला बिजनेस शुरू कर सकते है. गांव व कस्बों में लगने वाले साप्ताहिक हाट बाजार में मसाला सेल कर सकते है.
यदि आप बड़े स्तर पर मसाला उद्योग करना चाहते है तो इसे देश में ही नहीं पूरी दुनिया में कर सकते हैं.
आपको पता होगा, भारत में विश्व का 89 प्रतिशत मसालों का उत्पादन किया जाता है. और मसाला निर्यात करने वाले देशों में भारत पहले नंबर पर है. भारत से 48 प्रतिशत मसाला का निर्यात किया जाता है.
भारत से दुनिया के हर छोटे बड़े देशों में किसी ना किसी मसालें का निर्यात किया जाता है. यदि आप मसालों का निर्यात करना चाहते है तो यह भी आपके लिए अच्छा आॅप्शन है.
यदि आप विदेशों में खड़ा मसाला हो या पीसा मसालों का निर्यात करना चाहते है तो इसके लिए आपको सरकार द्वारा निर्धारित कुछ गाइड लाइनों को फोलो करना होगा. इसके बाद ही आपको विदेशो में निर्यात करने की परमिशन मिलेगी.
मसालों का निर्यात करना चाहते है तो ‘कृषि और सहकारिता विभाग’ और ‘भारतीय मसाला बोर्ड’ से संपर्क करके जानकारी ले सकते है.
मसाला उद्योग में स्कोप
आज भारत में कई छोटी बड़ी कंपनियां इस बिजनेस के द्वारा लांखों करोड़ों की कमाई कर रही है. इसकी वजह भारत देश में गरीब हो या अमीर, शहर हो या गांव, कस्बे में ऐसी कोई रसोई नहीं है जहां मसालों का इस्तेमाल ना किया जाता हो. हर घर में खड़ा मसाला और पीसे मसाले का भरपूर इस्तेमाल किया जाता है.
इसके अलावा होटल, ढ़ाबा, केंटिन, रेस्त्रोरेंट, फूड काॅर्नर, छोटे छोटे ठेलों में चलने वाले पानीपूरी, चाट, कुल्छे आदि जगहों पर बनाएं जानेवाले खाद्य पदार्थो में इनका खूब इस्तेमाल किया जाता है.
खाना वाले के अलावा मसालों का इस्तेमाल अचार, पापड़, चटनी, साॅस, केचप, चिप्स, कुरमुरे, नमकीन, समोसे, कचैरी सूखे नाश्ते आदि खाद्य पदार्थो में भी अनेक प्रकार के पीसे और खड़े मसाले का इस्तेमाल किया जाता है.
मसालों के इस्तेमाल को देखते हुए आप समझ ही गए होगें की मसाला उद्योग में कितना अच्छा स्कोप है. इस उद्योग में कमाई के कई रास्ते है. सबसे अच्छी बात तो यह है कि मसाले की डिमांड बारहों महीने रहती है. ऐसे में आप मसाला व्यवसाय से अच्छी कमाई कर सकते है.
Masala Udyog Training Center (मसाला उद्योग ट्रेनिंग सेंटर)
मसाला उद्योग को शुरू करने के पहले इसकी ट्रेनिंग ले लें. मसाला उद्योग के बारे में ट्रेनिंग के लिए अधिक पढ़ा लिखा होने की आवश्यकता नहीं होती, कई सरकारी गैरसरकारी संस्थान मसाला उद्योग की ट्रेनिंग देते है. मसाला उद्योग की ट्रेनिंग खादी ग्राम उद्योग से ले सकते हैं. देश में सभी राज्यों में खादी ग्राम उद्योग ट्रेनिंग सेंटर स्थित है.
देश में स्थित खादी ग्रामो उद्योग से ट्रेनिंग सेंटर के नाम, पता और फोन नंबर के बारे में जानना चाहते है तो यहां क्लिक करें.
खादी ग्राम उद्योग ट्रेनिंग सेंटर - खादी ग्रामीण से ट्रेनिंग लेने के बाद बिजनेस शुरू करने के लिए बैंक तथा खादी ग्रामो उद्योग से लोन भी मिल जाता है.
wholesale masala market / wholesale spice market
in india मसाला मंडी
भारत का सबसे बड़ा मसाला थोक बाजार, पुरानी दिल्ली के मशहूर चांदनी चैक के पश्चिमी हिस्से में बनी खारी बावली आज के समय में एशिया की सबसे बड़ी मसाला मार्केट मानी जाती है. यह एक बहुत ही व्यवस्थित बाजार है. इस बाजार में देश की विभिन्न मसाला उत्पादक मंडियों जैसे निजामाबाद से हल्दी, कोटा से धनिया, ऊंझा से जीरा, गुंटूर से लाल मिर्च, कोच्चि या मंगलूर से इलायची आदि मंडियों से यहां मसाले आते है. फिर यहां से देश के कई बाजारों में इसकी आपूर्ति की जाती है.
मसाला उद्योग के लिए सरकारी लाइसेंस रजिस्ट्रेशन
जहां तक मसाला उद्योग शुरू करने के लिए स्थानीय नियमों की बात है यह राज्य एवं शहर के आधार पर अलग अलग हो सकते हैं. लेकिन शुरूआती तौर पर उद्यमी चाहे तो अपने बिजनेस को व्दम च्मतेवद ब्वउचंदल के तहत रजिस्टर कर सकता है.
बिजनेस शुरू करने के लिए शाॅप एक्ट लायसेंस जिसे गुमस्ता भी कहा जाता है, लेना जरूरी है तथा उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता होगी. उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन आॅनलाइन किया जाता है.
यदि आपका बिजनेस 20 लाख से अधिक का होता है और आप अपने क्षेत्र के अलावा भी अन्य प्रदेशों में मसाला बिजनेस करना चाहते है तो आपको जीएसटी लायसेंस लेना होगा.
जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन अप्लाई कैसे कर सकते हैं?
हालांकि यह सब करने से पहले आपको अपने व्यापार के नाम से पैन कार्ड एवं चालू खाता खोलना पड़ेगा.
यदि आप एक ब्रांड के तौर पर बिजनेस को करना चाहते है तो कंपनी रजिस्टेशन की आवश्यकता होगी. कंपनी रजिस्टेशन कैसे करें?
इन सबके अलावा आप चाहे तो अपने बिजनेस को उद्योग आधार के तहत भी पंजीकृत करा सकता है.
मसाला उद्योग के लिए आवश्यक सामाग्री
पीसा मसाला उद्योग शुरू करें या खड़े मसाला, दोनों के लिए ही राॅ मटेरियल में सूखे खड़े मसालों की आवश्यकता होगी. पैकिग के लिए पैकेजिंग मशीन की आवश्यकता होगी.
पीसा मसाला उद्योग शुरू करने के लिए ग्राइंडर मशीन की आवश्यकता होगी जिसमें खड़े मसाले को बारिक पीसा जा सकें. मार्केट में कई साइज और डिजाइन वाली मशीने मिलती है. आप अपने बजट और जगह के हिसाब से छोटी या बड़ी मशीन खरीद सकते हैं. आॅनलाइन आप इंडियामार्ट की वेबसाइट पर सर्च कर सकते हैं.
मसाला उद्योग शुरू करने के लिए पर्याप्ट जगह की आवश्यकता होगी. जहां राॅ मटेरियल के तौर पर खड़ा मसाला रखने, मसाला पीसने के लिए आवश्यक मशीनों को रखने और पैकिंग के लिए पर्याप्त जगह हो.
मसाला उद्योग जहां शुरू करेंगे वहां कामर्शियल इलैक्ट्रिक कनैक्शन होना चाहिए. बिजली बिल बचाने के चक्कर में घरेलू कनेक्शन या अवैध तरीके से इसे ना चलाएं. पकड़े जाने पर लाखों रूपए का जुर्माना देना पड़ेगा. हो सकता है बिजनेस ही चोपट हो जाएं.
मसाला उद्योग लागत
छोटे स्तर पर मसाला उद्योग शुरू करने के लिए 50 हजार से एक लाख रूपए की और बड़े स्तर पर बिजनेस शुरू करने के लिए लगभग दो से पांच लाख रूपए की आवश्यकता होगी.
सरकारी मदद
मसाला उद्योग (Masala Udyog) को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी कई तरह की योजनाएं चला रही है.
भारत सरकार की संस्था एमएसएमई यानी मिनीस्टिरी आॅफ माइक्रो स्माल एण्ड मीडियम इंटरप्राइजेज द्वारा भी मसाला उद्योग शुरू करने के लिए लोन दिया जाता है.
प्रधानमंत्री रोजगार योजना और मुद्रा योजना के तहत भी आप मसाला उद्योग (Masala Udyog) के लिए लोन ले सकते है.
मसाला व्यवसाय (Masala Udyog) के लिए बैंक से भी लोन ले सकते है. लोन लेने के लिए बिजनेस का एक प्रोजेक्ट तैयार करके बैंक में जमा करना होगा.
Business Mantra बिजनेस टिप्स
फ्रेंड्स आप भी अपने क्षेत्र के अनुसार वहां उत्पादन होने वाले मसालों की खेती करके अच्छा लाभ कमा सकते हैं. इसके लिए आप अपने क्षेत्र के मसाला विकास एजेंसियों (एस डी ए) से संपर्क कर सकते हैं.
मसाला बिजनेस शुरू करने के लिए कुछ सरकारी नियमों को पूरा करना होगा.
बिजनेस शुरू करने के लिए किसी तरह के लायसेंस आदि के बारे में जानकारी आप नजदीकी जिला लघु उद्योग केन्द्र में जाकर ले सकते हैं.
फ्रेंड्स, मुझे उम्मीद है आपको मसाला उद्योग कैसे शुरू करें के बारे में दी गई जानकारी पसंद आई होगी. Business Mantra Blog लाइक और शेयर करें. नमस्कार (काॅपीराइट बिजनेस मंत्रा)
मनोज कुमार मजुमदार पिछले 4 दशक से भी अधिक समय से नियमित लेखन, दो दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित। शार्ट फिल्म, एड फिल्म तथा फीचर फिल्म लेखन। हिन्दी मंथली मैगजीन ‘टुडे एण्ड टुमारो’ के कार्यकारी संपादक।
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