ग्रामीण क्षेत्र में लाभदायक व्यवसाय आइडियाज़ | गांव में कौन सा बिजनेस करें | small business ideas in hindi for village - Business Mantra

ग्रामीण क्षेत्र में लाभदायक व्यवसाय आइडियाज़ | गांव में कौन सा बिजनेस करें | small business ideas in hindi for village

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Gramin Business : small business ideas in hindi for village | गांव में कौन सा बिजनेस करें


ग्रामीण क्षेत्र में लाभदायक व्यवसाय आइडियाज़ | गांव में कौन सा बिजनेस करें | small business ideas in hindi for village. आप किसी गांव में रहते है. वहां आप किसी बिजनेस को शुरू करने के बारे में सोच रहे है तो यहां बताएं गए इन व्यवसाय में से किसी एक को शुरू करके अच्छी इनकम कर सकते है. ये ऐसे बिजनेस है जिन्हें गांव में आसानी से शुरू किया जा सकता है. इन व्यवसाय को करने के लिए सरकार द्वारा भी मदद दी जा रही है. आइए गांव में कौन सा बिजनेस करें इस बारे में जानते है.


भारत गांवों में बसता है. आज भारत के गांवों की तस्वीर तेजी से बदल रही है. गांव में किए जाने वाले ऐसे बहुत से बिजनेस है जिन्हें आप किसी भी गांव में रह कर आसानी से कर सकते हैं. यहां मैं ऐेसे ही कुछ खास बिजनेस के बारे में जानकारी दे रही हूं जिन्हें गांव में रह कर बड़ी आसानी के साथ कम पैसों में किये जा सकते है. 

कृषि उत्पादों की खेती और विपणन, शीतकालीन औषधीय फसलों, अनाज, सब्जियों की खेती मेडिकल या जड़ी बूटियों की खेती करें और उत्पादों को बाजारों में बेचें.

ग्रामीण पशुधन जैसे दूध, दही, माखन, मांस, अंडे और मीठाई बनाने के लिए पशुओं की पालना करें और उन उत्पादों को स्थानीय बाजारों और नगरों में बेचें.

हैंडीक्राफ्ट्स और उत्पादों की निर्माण जैसे लकड़ी के उत्पादों, जूट के वस्त्रों, रबर चप्पलों, कुशा के जूतों या स्थानीय शिल्प उत्पादों की निर्माण करके उन उत्पादों को नगरों या उद्यानों में बेचें.

पाठशाला या कोचिंग सेंटर खोल सकते हैं.   

इनके अलावा कुछ प्रचलित यहां ग्रामीण क्षेत्र में लाभदायक व्यवसाय आइडियाज़ हैं जिन्हें कर सकते हैं.


मुर्गी पालन Poultry Farming 

मुर्गी पालन यानि मुर्गी फार्मिंग. मुर्गी पालन में बायलर मुर्गी की फार्मिंग करें यह काफी कम समय में तैयार हो जाते हैं. ब्रायलर मुर्गी के चूजे का वनज 40 ग्राम तक का होता है और देखते ही देखते छह सप्ताह में इसका वजन बढ़ कर डेढ़ से दो किलो तक का हो जाता है. 

ब्रायलर मुर्गी का इस्तेमाल सबसे अधिक मांस के लिए किया जाता है. इसका उपयोग शहर के फाइब स्टार होटल से लेकर स्ट्रीट फूड काॅर्नर वाले तक करते है. इतना ही नहीं इसका इस्तेमाल घरों में भी काफी होता है. मुर्गी पालन कैसे करें वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक है


गांव में बायलर मुर्गी की फार्मिंग के लाभ

- मुर्गी फार्मिंग काफी सरल बिजनेस है. इसमें अधिक मेहनत नहीं होती.

- इसकी डिमांड हर मौसम में बनी रहती है.

- इसे शुरू करने के लिए अधिक पढ़ा लिखा होना जरूरी नहीं है.

- इस व्यवसाय को करने के लिए सरकार द्वारा सहायता दी जाती है.

- इसके मांस की शहर से लेकर गांव, कस्बें में होती है. मार्केट में खपत अधिक होने की वजह से काफी अच्छा लाभ कमा सकते हैं.

- लगातार इनकम होने की वजह से लोन का भुगतान करने में आसानी होती है. मुर्गी पालन की Training कहां से लें जानने के लिए यहां क्लिक करें

बकरी पालन

ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी पालन करना भी एक बेहतर बिजनेस है. इसकी मुख्य वजह यह कि बकरी आकार में छोटी होती है और इन पर होने वाला खर्चा भी काफी कम होता है. गांव में पर्याप्त खुली जगह होती है, चारा और पानी की व्यवस्था आसानी से हो जाती है. 

बकरी का इस्तेमाल दूध और मीट के तौर पर सबसे अधिक किया जाता है. शहरों में इसकी काफी डिमांड हैं. गांव में बकरी पालन शुरू करके आसपास के शहरों और कस्बों में इसकी सप्लाई दे सकते है. ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को स्वयं का व्यवसाय करने के लिए सरकार द्वारा बकरी पालन के लिए प्रोत्साहन दे रही है. बकरी पालन कैसे करें जानने के लिए यहां क्लिक करें.

गांव में बकरी पालन के लाभ

- बकरी पालन में खर्चा काफी आता है.

- गांव में खुली जगह होती है. जहां चारा और पानी की व्यवस्था आसानी से हो जाती है.

- बकरी पालन को कम पूंजी से शुरू किया जा सकता है.

- शहरों में मांस के लिए इसकी काफी डिमांड है.

बकरी पालन के लिए आप लोन ले सकते है. लोन कैसे ले इस बारे में जानने के लिए 


भेड़ पालन

बकरी पालन की तरह आप गांव में भेड़ पालन भी शुरू कर सकते है. भेड़ का इस्तेमाल ऊन के अलावा मीट के लिए किया जाता है. गांव में खुली जगह पर चारा और पानी की सुविधा है तो वहां पर भेड़ पालन शुरू किया जा सकता है. भेड़ पालन में खर्चा काफी कम आता है. इस व्यवसाय को भी आप कम पूंजी से शुरू कर सकते है. भेड़ पालन के लिए भी सरकार द्वारा मदद दी जाती है.


मछली पालन

गांव में मछली पालन काफी लाभदायक बिजनेस है. गांव में तालाब तैयार कर मछली पालन कर सकते हैं या गांव में मौजूद तालाब को ग्राम पंचायत से किराए पर लेकर उसमें मछली पालन सकते हैं.  

तालाब में ऐसी मछलियां पाले जिसकी संख्या तेजी से बढ़ती हो तथा जो वजन में भी तेजी से बढ़ती हो. तालाब में तीन स्तर की मछलियां पाली जा सकती है. ऐेसे में मछलियों की वैरायटी भी मिल जाएगी और पूरे तालाब का उपयोग भी हो जाएगा. 

मछली पालन के लिए इससे संबंधित कुछ जानकारियों की आवश्यकता होगी. इसके लिए समय-समय पर सरकार द्वारा विशेष प्रोग्राम के अंतर्गत इसकी टेªनिंग देती है. मछली पालन के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के मत्स्यस विभाग से सम्पर्क कर सकते हैं या फिर इस बारे में ब्लाक आॅफिस में जाकर जानकारी ले सकते हैं.

मछली पालन के लाभ

- गांव में तालाब आसानी से किराए पर मिल जाते है.

- शहरों में मछली की काफी डिमांड है. 

- इस व्यवसाय में मेहनत कम होती है.

- देखभाल के लिए अधिक खर्चा नहीं करना पड़ता है.

कड़कनाथ की फार्मिग

कड़कनाथ चिकन स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है. कड़कनाथ में कोलेस्ट्रॉल का स्तर काफी कम होता है और अमीनो एसिड का स्तर ज्यादा होता है. जिसके चलते कड़कनाथ की मांग पूरे देश में ही नहीं विदेशों में भी होने लगी है. आज के समय में किसी भी गांव में कड़कनाथ की फार्मिंग करना काफी लाभदायक है. 

कई राज्यों की सरकार द्वारा कड़कनाथ फार्मिंग की ट्रेनिंग दी जा रही है. कड़कनाथ फार्मिंग की ट्रेनिंग के लिए जिला कृषि अधिकारी से मिलकर भी जानकारी ले सकते हैं. कड़कनाथ की फार्मिंग कैसे करें जानने के लिए यहां क्लिक करें

गांव में कड़कनाथ की फार्मिंग के लाभ

- यह मंहगे कीमत पर बिकते है.
 
- यदि आप एक 1000 चूजों से कड़कनाथ की फार्मिंग शुरू करते हैं तो छह माह बाद इसे 500 रूपए किलो के भाव से थोक मार्केट में बेचने पर 5 लाख रूपए की कमाई एक बार में हो जाती हैं.

- कड़कनाथ की डिमांड देश में ही नहीं विदेशों में भी काफी तेजी से बढ़ी है. आॅनलाइन कंपनियां कड़कनाथ को आॅनलाइन बेच रही है. आप ऐसी कंपनियों को सीधे माल बेच सकते है.

- कड़कनाथ की डिमांड जिस प्रकार से दिन प्रतिदिन बढ़ रही है उसे दखते हुए इसकी फार्मिंग करना लाभदायक होगा

- डाॅक्टरों के अनुसार यह डायबिटीज के रोगियों के लिए दवा का काम करता है. इसके अलावा इसके मांस को सेक्सवर्धक भी माना जाता है. इसलिए इसकी डिमांड दिनप्रतिदिन बढ़ रही है.

खरगोश पालन

खरगोश की फार्मिंग मीट, ऊन और ब्रीडिंग के लिए किया जाता है. खरगोश के मीट की बडें शहरों में काफी डिमांड है. कम लागत में कम समय में बड़े मुनाफे कमाने की सोच रहे हैं वे इस व्यवसाय को गांव में शुरू कर सकते हैं. घर के आसपास जगह होने पर या घर पर पक्की छत है तो वहां शेड डालकर भी रैबिट फार्मिंग शुरू किया जा सकता है. खरगोश पालन भारत के किसी भी क्षेत्र में कर सकते है. ठंडे प्रदेश में ऊन के उत्पादन के लिए अंगोरा खरगोश पालन किया जा सकता है. 

 खरगोश पालन मीट और ब्रिडिंग के लिए किया जाता है. खरगोश के मीट बड़ें होटलों व एक्सपोर्टर को सप्लाई कर सकते है. विदेशों में भी मीट के लिए खरगोश का निर्यात कर सकते हैं. खरगोश पालन कैसे करें जानने के लिए यहां क्लिक करें.


खरगोश पालन के लाभ

- खरगोश फार्मिंग एक युनिट से शुरू किया जा सकता है. 

- मादा खरगोश में बच्चे देने की संख्या ज्यादा होती है. 

- ब्रॉयलर खरगोश की वृद्धि दर उच्च होती है. 

- खरगोश को दी जाने वाली खाद्य सामग्री आसानी से उपलब्ध हो जाती है. 

मधुमक्खी पालन

गांव में रहकर कोई बढ़िया व्यवसाय करना चाहते हैं, उनके लिए मधुमक्खी पालन एक अच्छा व्यवसाय है. इस व्यवसाय में लागत कम और कमाई काफी अधिक है. मधुमक्खी पालन शुरू करने से पहले इसकी ट्रेनिंग जरूर ले लें. 

सरकार द्वारा समय-समय पर ब्लाॅक स्तर पर गांवों में इसकी ट्रेनिंग दी जाती हैं. जिसकी सूचना बीडीओ के पास होती है. आप उनसे संपर्क करके जानकारी ले सकते हैं.

कृषि विश्वविद्यालय तथा इससे संबंधित संस्थाओं द्वारा भी मधुमक्खी पालन का कोर्स व ट्रेनिंग प्रोग्राम करवाएं जाते हंै. आप वहां से भी ट्रेनिंग ले सकते है. 

शहद उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा वित्तिय सहायता भी दी जाती है. शुरूशुरू में शहद के विपणन के लिए मधुमक्खी पालक को खरीददारों से सम्पर्क करना पड़ता है. कुछ समय बाद खरीददार खुद ही मधुमक्खी पालक के पास पहुंच जाते हैं. यदि आप बड़े स्तर पर मधुमक्खी का पालन कर रहे हैं तो अनेक आयुर्वेद कंपनियां भी है जो थोक में माल खरीदती है उन्हें सप्लाई दे सकते हैं.

मधुमक्खी पालन के लाभ

- गांव में आसपास काफी खुली जगह और हरा भरा होता है.

- मधुमक्खी व्यवसाय को एक या दो युनिट लगाकर शुरू किया जा सकता है.

- शहद बेचना काफी आसान है. सीधे तौर पर कंपनियों को बेच सकते है.

- मधुमक्खीयों की देखभाल पर खर्चा ना के बराबर होता है.

देशी मुर्गी पालन

गांव में आप देशी मुर्गी पालन कर सकते है. ऐसी जगहों पर देशी मुर्गी को घुमने फिरने के लिए काफी खुली जगह मिल जाती है. लोगों की चहल-पहल कम होने की वजह से देशी मुर्गियों को चरने में किसी तरह की परेशानी नहीं होती.

देशी मुर्गी का इस्तेमाल अण्डे और मांस दोनों के लिए किया जाता है. आज देशी मुर्गी की काफी डिमांड है. लोग देशी मुर्गी खाना पसंद करते है. देशी मुर्गी की डिमांड शहरों में काफी है. देशी मुर्गी के बिक्री की जानकारी मिल जाने पर खरीददार स्वयं ही इसे खरीद कर ले जाएंगे. आपको खरीददार ढुढ़ने की जरूरत नहीं होगी. इस बिजनेस में मेहनत भी कम होती है. इंकम काफी अच्छी है. 

यदि आप छोटे स्तर पर देशी मुर्गी फार्मिंग करना चाहते है तो घर के पास छोटी सी जगह पर इसे शुरू कर सकते हैं. 


गांव में देशी मुर्गी पालन के लाभ

- देशी मुर्गी के देखभाल में किसी तरह का खर्चा नहीं आता है.

- देशी मुर्गी किसी भी मौसम में कहीं भी आसानी से पाली जा सकती है.

- इसकी डिमांड काफी है. ये मंहगें दाम में बिकती है ऐसे में प्राॅफिट भी काफी अच्छा होता है.

- इस व्यवसाय में मेहनत भी कम होती है. क्योंकि मुर्गीयों की देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है. 

- सुबह इन्हें छोड़ देने पर दिनभर घुमफिर घर लौट आती है.

- मुर्गी को मांस के अलावा अण्डे भी बेच सकते है. यह भी मंहगें कीमत पर बिकते है.

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