मसाला बिजनेस में है काफी अच्छी कमाई
How to Start a Spices Business : मसाला बिजनेस में है काफी अच्छी कमाई : Business Mantra
How to Start a Spices Business | मसाला उद्योग कैसे शुरू करें?
हलो फ्रेंड्स,बिजनेस मंत्रा ब्लाग पर आपका स्वागत है. बिजनेस मंत्रा ब्लाग के माध्यम से हम नए बिजनेस आइडियाज, मोटिवेशन, करिअर, मार्केटिंग, अर्नमनी आदि के बारे में जानकारी देते हैं. हम जिन बिजनेस के बारे में जानकारी देते हैं वे होते तो आम बिजनेस ही है पर हम कुछ नए आइडियाज जोड़ कर उसे पेश करते हैं. इसके साथ ही मार्केटिंग और पब्लिसिटी के टिप्स भी देते हैं, जो नए बिजनेस शुरू करने वालों के लिए काफी फायदेमंद होते हैं.
आज न्यु बिजनेस आइडिया (New Business Idea) में ग्रामीण बिजनेस के अंतर्गत मसाला उद्योग (Spices Business) कैसे शुरू करें. मसाला उद्योग (Spices Business) काफी प्राॅफिटेबल बिजनेस है. मसाला उद्योग (Spices Business) को गांव में रहकर शुरू किया जा सकता है. मसाला उद्योग (Spices Business) को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा भी काफी मदद दी जा रही है. मसाला उद्योग (Spices Business) को शुरू करके रूपए ही नहीं डाॅलर भी कमा सकते है. क्योकि भारतीय मसालों की विदेशों में काफी डिमांड है.
आज हम मसालों का उत्पादन, उसकी बिक्री और सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता के बारे में जानकारी दें रहें हैं. इसके पहले हमने होम मेड मसालों के बिक्री के बारे में जानकारी के बारे में बिजनेस मंत्रा युट्यिुब चैनल पर वीडियो अपलोड की थी. जिसे काफी लोगों ने पसंद किया. इसके बाद कई लोगों ने हमसे पूछा है कि वे मसालों का उत्पादन यानी खेती करना तो चाहते हैं. पर मसालों के उत्पादन के बाद उन्हें कहां बेचेंगे पता नहीं है. उन्होंने मसाला उत्पादन की बिक्री के साथ-साथ मसालों के संरक्षण और सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता के बारे में जानकारी मांगी है. इसी सिलसिले में हम मसालों का उत्पादन, उसकी बिक्री और सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता के बारे में बता रहे हैं.
हमारे देश में मसालों में धनिया, मेथी, सौंफ, जीरा, सरसों, अजोवन, कालीमिर्च, लौंग, इलाइची, दालचीनी, जायफल, तेजपत्ता, केसर, कलौंजी, हल्दी, मिर्च, कोकम, लहसून, अदरक आदि अनेक प्रकार के मसालो की खेती की जाती है. संसद द्वारा पारित अधिनियम के तहत, स्पाइसेस बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में लगभग 52 मसालों को रखा गया है. वैसे आई एस ओ की सूची में 109 मसालों के नाम शामिल है.
शायद आपको पता होगा, भारत में विश्व का 89 प्रतिशत मसालों का उत्पादन किया जाता है. इसके बाद दूसरे नंबर पर चीन जहां 4 प्रतिशत और और बांग्लादेश में 3 प्रतिशत का उत्पादन होता है. इसके बाद पाकिस्तान में 2 प्रतिशत मसालों का उत्पादन होता है.
यह जानकर आपको और भी आश्चर्य होगा कि दुनिया की करीब 60 प्रतिशत मसाला की पूर्ति भारत से ही होती है. देश में अनुमानित 12.50 लाख हैक्टेयर में मसालों की खेती होती है जिससे करीब 10.5 लाख टन मसालों का उत्पादन होता है. विश्व मसाला व्यापार में वैश्विक निर्यात में भारत का हिस्सा 48 प्रतिशत है.
हमारे देश के सभी क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के मसालों की खेती होती है. जैसे मध्यप्रदेश में लहसुन और घनिया की खेती सबसे अधिक होती है इसी तरह से असम में अदरक कालीमिर्च, हल्दी, मिर्च, इलाइची, तेजपता आदि का उत्पादन होता है. देश के मैदानी या पहाड़ी क्षेत्रों में ही नहीं यहां रेगिस्तानी इलाका राजस्थान में भी धनिया, मेथी, बड़ी सौंफ, जीरा आदि मसालों का उत्पादन काफी बड़े पैमाने पर होता है.
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केसर का उत्पादन जम्मू एण्ड कश्मीर में सबसे अधिक होता है. वैसे आजकल देश के अन्य इलाकों में भी केसर की खेती की जाने लगी है. उसी तरह से देश के लगभग सभी क्षेत्रों में आजकल आधुनिक तकनीकि से कई तरह के मसालों की खेती की जाने लगी है. केसर उद्योग के समग्र विकास हेतु जम्मू व कश्मीर राज्य में “केसर उत्पादन व निर्यात संवर्धन एजेंसी (स्पीडा)” नामक एक विशिष्ट समिति का गठन किया गया है. एजेंसी का मुख्यालय श्रीनगर में हैं.
मसालों की खेती को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने प्रमुख मसाला उत्पादक क्षेत्रों में वहाँ के मसालों के समग्र विकास हेतु दस मसाला विकास एजेंसियों यानी (एस डी ए) का गठन किया है। इन एजेंसियों की अध्यक्षता संबंधित राज्य सरकार के मुख्य सचिव करेंगे और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, राज्य-केंद्रीय कृषि-बागवानी मंत्रालय, अन्य संबंधित केंद्रीय-राज्य संगठनों, कृषि विश्वविद्यालय, उस क्षेत्र के स्पाइसेस बोर्ड सदस्य और मसाला कृषकों, व्यापारियों तथा निर्यातकों जैसे उद्योग के विभिन्न पणधारी इसके सदस्य होंगे। यह एजेंसी इन क्षेत्रों के मसालों के उत्पादन, घरेलू विपणन, गुणवत्ता और निर्यात संबंधित मामलों का निपटारा करेगी.
एजेंसियों द्वारा मसालों की खेती के उत्पादन व हैंडिलिंग के लिए आधुनिक तरीके की जानकारी दी जा रही है. मसाला उत्पादक किसानों और मसाला निर्यातक व्यापारियों को मिलाने का काम भी करती है. मसालों की खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी कई तरह की योजनाएं चला रही है.
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राज्य सरकार राष्टीय बागवानी मिशन के तहत मसाले की खेती के साथ ही इससे संबंधित उद्योग इकाई लगाने, भंडर ग्रह बनाने, छंटाई करने ग्रेडिंग, शोर्टिंग, कोल्ड स्टोरज के लिए अनुदान दे रही है. राष्टीय बागवानी मिशन में कोल्ड स्टोरेज पर अधिकतम 4 करोड़ रूपए का अनुदान दिया जा सकता है. इसके अलावा मसाले से संबंधित प्रसंस्करण इकाई लगाने के लिए लागत का 40 प्रतिशत और अधिकतम 10 लाख रूपए अनुदान देती है. इसी तरह से खेती में उपयोग होने वाले यंत्र जैसे छंटाई करने ग्रेडिंग, शोर्टिंग के लिए 35 प्रतिशत अनुदान देती है. मसाला फसलों की खेती के लिए लागत का 40 प्रतिशत प्रति हैक्टेयर अनुदान दिया जाता है.
राष्टीय बागवानी मिशन के तहत मसाला की खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग खेती की लागत का 50 प्रतिशत तक अनुदान देती है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत फव्वारा, स्प्रिंक्लर, बूंद-बूंद सिंचाई के साथ अन्य पर भी अनुदान दिया जाता है. जैविक तरीके से मसालो की खेती करने वाले किसानों को अतिरिक्त अनुदान दिया जाता है. जैविक खेती करने वालो को लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 10 हजार रूपए प्रति हैक्टेयर के रूप में अनुदान दिया जाता है. कीट रोग प्रबंधन के लिए लागत का 30 प्रतिशत तक प्रति हैक्टेयर अनुदान दे रही है.
इसके अलावा केंद्र व राज्य सरकार द्वारा मसाला उद्योग के विकास के लिए अनेक उपाय और उपक्रम किए जा रहे है. इस क्षेत्र में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने और निर्यात की गतिविधियों को तेज करने के लिए मुख्य संगठन ‘कृषि और सहकारिता विभाग’ और ‘भारतीय मसाला बोर्ड’ है.
फ्रेंड्स भारत की जलवायु ऐसी है जो विभिन्न प्रकार के फसलों के उत्पादन में मदद करती है. कम लागत में अच्छी पैदावार के साथ ही इससे अच्छी आय मिल जाती है. मसाला के विश्व व्यापार को देखते हुए सरकार द्वारा भी काफी मदद की जा रही है.
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फ्रेंड्स आप भी अपने क्षेत्र के अनुसार वहां उत्पादन होने वाले मसालों की खेती करके अच्छा लाभ कमा सकते हैं. इसके लिए आप अपने क्षेत्र के मसाला विकास एजेंसियों (एस डी ए) से संपर्क कर सकते हैं.
प्रमुख लिंक -
http://indianspices.com/hin/%E0%A4%8F%E0%A4%B8-%E0%A4%A1%E0%A5%80-%E0%A4%8F
http://indianspices.com/hin/%E0%A4%AE%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BE-%E0%A4%AC%E0%A5%8B%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A1-%E0%A4%85%E0%A4%A7%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%AE-%E0%A4%B5-%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%AE
http://nhb.gov.in/hindi/schemes.aspx?enc=3ZOO8K5CzcdC/Yq6HcdIxOVZI61DUqgouJqJXNMGlcc
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क्र.सं राज्य अवस्थिति एजेंसी
का नाम मसाले शामिल
क्षेत्र राज्य