Business mantra :जितना मिला उतने में संतुष्ट न हो जाएं - Business Mantra बिजनेस मंत्रा : सफलता की कुंजी

Business mantra :जितना मिला उतने में संतुष्ट न हो जाएं



एक कहावत है लालच बुरी बला हैं। बिजनेस में इस पुरानी कहावत को भूल जाएं। जमाना बदल चुका है। बिजनेस के फंडे में पुरानी कहावतें बदल गई है। कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए आपका ध्यान तेजी से ऊंचाईयों पर ले जाने का होना चाहिए। इसके लिए आपके अंदर अधिक पा जाने का लालच होना चाहिए। सब कुछ पा जाने का, पूरे मार्केट का लाभ पाने का लालच होना जरूरी है।
बिजनेस में ग्रोथ चाहते हैं तो अधिक से अधिक प्राॅफिट कमाने का लालच आपके अंदर होना चाहिए। ब्रांड को बेचते समय अधिक मुनाफा पाने का लक्ष्य होना चाहिए। जितना आप कमाते हैं, उतने में संतुष्ट होना भी बिजनेस में पिछड़ेपन की निशानी है।

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अपनी इच्छाओं को न मारे। उसे बढ़ाते रहें। मुनाफा ऊंगलियों में नहीं आकड़ों में गिने।
‘‘मैं इतने में ही संतुष्ट हूं’’ इसी के चलते देखा गया है अधिकतर बिजनेसमैन अपने कारोबार को अधिक ऊंचाई तक नहीं ले जा पाते हैं। संतुष्ट रहने वाली सोच की बदौलत 93 प्रतिशत लोग अधिक पूंजी नहीं बना पाते है। जहां थे वहीं रहते हैं या उससे भी पिछड़ जाते है। थोड़े से में ही संतुष्ट हो जाना, बिजनेस को वहीं रोक देने के बराबर है। बिजनेस एक प्राॅफिट गेम है। इस गेम में अधिक रूपयें पाने का लालच नहीं रहेगा तो जीत हासिल नहीं होगी।

रैंकर्स प्वाइंट (इंदौर) के डायरेक्टर कमल शर्मा ने सन् 2002 में आईआईटी कानपुर से बीटेक की डिग्री लेने के बाद इंफोसिस में सिलेक्शन हो गया। पर उनकी इच्छा कुछ और थी। इंफोसिस ज्वाइन न करके इंदौर चलें आए। यहां आकर कुछ समय तक एक संस्थान में जुड़कर आईआईटी जेईई की क्लासेस की। यहीं पर एक एमएससी (केमेस्ट्री) में गोल्ड मेडलिस्ट फैकल्टी से दोस्ती होने पर ‘रैंकर्स प्वाइंट’’ की नींव पड़ गई। लगभग 10-11 साल पहले मात्र 15 हजार रूपये से शुरू किया गया ‘रैंकर्स प्वाइंट’ का आज र्टन ओवर 4 करोड़ रूपये का हैं।