महिला गृह उद्योग | ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार सरकार देगी मदद | Business Manatra - Business Mantra

महिला गृह उद्योग | ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार सरकार देगी मदद | Business Manatra

ग्रामीण उद्योग सरकार करेगी मदद 

महिलाओं के लिए सरकारी योजना क्या है?, महिला रोजगार योजना सरकार देगी मदद 

ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार सरकार देगी मदद | महिला गृह उद्योग  | Business Manatra


महिला गृह उद्योग, ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार, ग्रामीण महिलाओं के लिए लघु उद्योग, महिलाओं के लिए सरकारी योजना क्या है? इस ब्लाग के माध्यम से हम महिला गृह उद्योग, महिलाओं द्वारा किए जाने वाले गृह उद्योग, महिला रोजगार योजना, महिला रोजगार लोन, ग्रामीण महिला रोजगार योजना आदि के बारे में जानकारी दे रही हूं. साथ ही महिला उद्योग के बारे में भी बताया हैं.

ग्रामीण महिलाओं के लिए लघु उद्योग बहुत सारे है जिसे महिलाएं घर बैठे (Home Business) कर सकती है जिससे वह समय का सदुप्रयोग करके काफी पैसे कमा सकती है. यहां ऐसे ही Mahila Business / Women Business ideas के बारे में जानकारी दें रही हूं. इस महिलाएं घर शुरू कर पैसे कमा सकती है. यह बिजनेस ऐसे हैं जिनसे पहले ही दिन से ही कमाई Earning शुरू हो जाती है.

 

 


    महिलाओं के लिए सरकारी योजना क्या है? 

    राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने मिलकर महिलाओं के लिए बहुत सी योजनाएं शुरू किये हैं. आज हम उन योजनाओ की जानकारी देंगे जो महिलाओं के लिए लागु किया गया है. योजनाओ के अंतर्गत महिलाएं अपने हिसाब से किसी भी व्यवसाय या गृह उद्योग को घर में रहकर आसानी से कर सकती है. 

    जैसे सिलाई, कड़ाई, बुनाई या रंगाई जो उनकी रूचि होगी और वे ये काम करना चाहती होंगी तो इन योजनाओ के माध्यम से कर सकती हैं. इन उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकारी और गैरसरकारी संस्थाएं भी महिलाओं की मदद कर रही है. इन योजनाओं का उद्देश्य है महिलाओ को समाज में सम्मान दिलाने और आत्मनिर्भर बनाकर महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है. इसके लिए सरकार द्वारा कुछ योजनाएं है जिसकी जानकारी हम आपको देने जा रहे हैं.

    आज मैं महिला बिजनेस के अंतर्गत ऐसे ग्रामीण महिलाओं के लिए लघु उद्योग या बिजनेस के बारे में जानकारी दे रही हूं जिन्हें वे काफी आसानी से घर में रहकर कर सकती है. उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार महिला रोजगार लोन दे रही है. 

    आइए देखते है ऐसे कौन-कौन से ग्रामीण महिलाओं के लिए गृह उद्योग है जिन्हें ग्रामीण महिलाएं आसानी से कर सकती है. गांव में किए जाने वाले उद्योग और ग्रामीण महिलाओं को मिलने वाली सरकारी सहायता के बारे में जानने के लिए ब्लाग को अंत जरूर पढ़ें उसके बाद यदि कोई सवाल है तो कंमेंट बाॅक्स में लिख सकते हैं. 

    ग्रामीण महिलाओं के लिए गृह उद्योग  




    1 मोमबत्ती उद्योग


    ग्रामीण महिलाए मोमबत्ती बनाने का काम बहुत ही आसानी से शुरू कर सकती है. इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा महिलाओं को काफी मदद दी जा रही है. महिलाएं मोमबत्ती बनाने का प्रशिक्षण लेकर इस उद्योग को घर से ही शुरू कर सकती है. तैयार मोमबत्ती को वे आसपास के घरों व दुकानदार, गांव व शहरों में बेच सकती है. मोमबत्ती बनाने के लिए मोम, रंग, बर्तन और सांचे की आवश्यता होती है. प्रशिक्षण के दौरान इसकी पूरी जानकारी दी जाती है.

    2 चाॅक व कलम उद्योग


    मोमबत्ती की तरह चाॅक बनाने का उद्योग भी ग्रामीण महिलाएं आसानी से कर सकती है. चाॅक को आम बोलचाल की भाषा में खडिया भी कहा जाता है. चाॅक का उपयोग सरकारी, गैर सरकारी, निजी शिक्षण संस्थानो जैसे विघालयों, काॅलेजों, प्रशिक्षण केंद्रो में किया जाता है. शहरी शिक्षण की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षण संस्थानों में चाॅक का उपयोग सबसे अधिक किया जाता है. महिलाओं द्वारा अच्छी क्वालिटी का चाॅक तैयार करके अच्छी कमाई कर सकती है.


    3 साबुन या डिटरजेंट उद्योग


    ग्रामीण महिलाओं चाहे तो इसे लघु उद्योग के रूप में अपना सकती है. साबुन या डिटरजेंट बनाने के लिए किसी विशेष तकनीकी ज्ञान की जरूरत नहीं होती है और न ही इसके लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता होती है. इसका निर्माण घर के आंगन में छोटे से जगह पर किया जा सकता है. साबुन या डिटरजेंट बनाने के लिए कच्चा माल बाजार में मिल जाएगा.


    4 पीसा मसाला उद्योग


    मसाला तैयार करने के लिए भी किसी विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होती है. इसमें मसाला पीसने के लिए एक बिजली द्वारा संचालित चक्की व पैक करने के लिए मशीन की आवश्यकता होगी. ग्रामीण महिलाएं मसालों को साफ करके, मशीन में पीसकर तथा पैक करके दुकानदारों एवं आस-पड़ोस के घरों व गांवों में सप्लाई दे सकती हैं इसे एक कुटीर उद्योग के रूप में अपनाकर अच्छा धन कमा सकती है.


    5 बंधेज उद्योग


    कपड़े को धागे से बांधकर डिजाइन तैयार करना एक कला है. जिसे महिलाएं बहुत जल्दी ही सिख जाती है. बंधेज में चुनरी प्रिंट सबसे अधिक पंसद किया जाता है. बंधेज प्रिंट से तैयार कपड़ों का इस्तेमाल सबसे अधिक गांव में किया जाता है. लेकिन आजकल यह गांव में ही नहीं शहरो में भी काफी पसंद किया जाने लगा है. बंधेज उद्योग सदाबाहर उद्योग है. इसकी डिमांड हमेशा रहती है. बंधेज का प्रशिक्षिण सरकारी और गैरसरकारी संस्थाओं द्वारा दी जाती है. इसका प्रशिक्षण लेकर ग्रामीण महिलाएं इसे काफी अच्छे तरीके से कर सकती है.

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    6 कपड़ों पर रंगाई उद्योग


    सफेद कपड़ो पर रंगाई का काम काफी पूराना है. इसके अलावा आजकल लोग अपने पुराने कपड़ों को नया लुक देने के लिए रंगाई करवाते हैं. ग्रामीण महिलाएं नए हो या पुराने कपड़े पर रंगाई उद्योग को अपनाकर अच्छा पैसा कमा सकती है. क्योंकि गांव में काफी खूली जगह होती है जहां वे कपड़ो को रंगने व उसे सूखाने में आसानी होती है.
     

    7 कपड़ो पर कढ़ाई उद्योग


    कपड़ों पर कढ़ाई का चलन हमेशा से रहा है साड़ियां, सलवार-सूट, कमीज, लहंगे-चुनरी, रेडीमेड कपड़ें, चादर, पर्दे आदि पर कढ़ाई करके ग्रामीण महिलाएं काफी अच्छा पैसा कमा सकती है. इस उद्योग को शुरू करने के लिए महिलाओं को कढ़ाई आती है तो ठीक है अन्यथा वे इसका प्रशिक्षण लेकर इस उद्योग को शुरू कर सकती है. कपड़ो पर कढ़ाई दो तरह से की जाती है. पहला, हाथ से और दूसरा मशीन से. प्रशिक्षण के दौरान उन्हें हाथ या मशीन से कढ़ाई करना सिखाया जाता है.
     

    8 रेडिमेड कपड़ा उद्योग


    आजकल रेडिमेड कपड़ो का उपयोग हर आयु व वर्ग के लोगों द्वारा किया जा रहा है क्योंकि ये घर पर सिले हुए कपड़ो की तुलना में ज्यादा सुन्दर व आकर्षक होते हैं. यह सभी रंगों, साईज व डिजाइनों में उपलब्ध होते हैं. जिन ग्रामीण महिलाओं को सिलाई नहीं आती है वे सिलाई का कोर्स करके थोड़ी सी पूंजी लगाकर इस उद्योग को शुरू कर सकती है. जैसे-जैसे कपड़ों की बिक्री होती जाएगी नए माल लाकर रेडिमेड कपड़े तैयार कर सकती है. इस उद्योग में भी काफी बचत है.


    9 स्वेटर उद्योग


    शीत ऋतु में गर्म ऊनी कपड़े की डिमांड बढ़ जाती है. ग्रामीण महिलाएं स्वेटर उद्योग को आसानी से कर सकती है. स्वेटर की बनुाई भी दो तरह से होती है. पहला हाथ से और दूसरा मशीन से. हाथों से तैयार स्वेटर की डिमांड काफी है. लोग आॅर्डर देकर स्वेटर तैयार करवाते है. बाजार में मिलने वाले रेडिमेड स्वेटर मशीन से तैयार किए जाते है. मशीन से स्वेटर तैयार करके भी अच्छा पैसा कमाया जा सकता है.



    10 पापड़ व वड़ी उद्योग


    ग्रामीण महिलाओं को पापड़ और वड़ी  बनाना आता है. नहीं आता है तो किसी से सिखकर इसे उद्योग के तौर पर अपना कर अच्छी कमाई कर सकती है. महिलाएं चाहे तो अकेले या फिर दो-चार महिलाएं मिलकर इसे अपना सकती है. पापड़ व वड़ी  तैयार करके वे आसपास के दुकानों, गांवों व शहरों में सप्लाई दे सकती है.


    11 फल व सब्जी परिरक्षण उद्योग


    हर तरह के फल और सब्जी सभी मौसम में नहीं मिलते है. इसके लिए अचार, मुरब्बा, जैम, जैली इत्यादि बनाकर परिरक्षित किया जाता है ताकि बेमौसम में इनका उपयोग किया जा सके. आजकल प्याज, लहसून, टमाटर, हर्री मिर्च, पुदीना, धनिया आदि को सूखाकर बड़े-बड़े सूपरमार्केट, माॅल, आदि में बेचा जा रहा है. 

    ग्रामीण महिलाए छोटे स्तर पर अचार, मुरब्बा, जैम, जैली इत्यादि के साथ-साथ सब्जियों को सूखाकर आसपास के कस्बों व शहरों में सप्लाई दे कर काफी अच्छी कमाई कर सकती है. गांव में उपलब्ध फल और सब्जियों की वजह से इन्हें तैयार करना काफी सस्ता पड़ता है.

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    बहनों, इन उद्योग को शुरू करने के लिए सरकार द्वारा ऋण इत्यादि की सुविधा भी दी जाती है. जिन बहनों ने प्रशिक्षण लिया है और वे अपना उद्योग शुरू करना चाहती है तो अपने जिले में स्थित ग्रामीण विकास एजेन्सी में जाकर संपर्क करके मदद ले सकती है.

    ग्रामीण महिलाओं अपना उद्योग शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत भी जिला उद्योग केंद्र में आवेदन कर सकती हैं.

    इसके अलावा, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के मंडलीय कार्यालय द्वारा संचालित सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं.


    गृह उद्योग रजिस्ट्रेशन


    गृह उद्योग सुनने में ऐसा लगता है कि यह तो घर से किया जाने वाला व्यवसाय है. इसके लिए किसी तरह के लाइसेंस या रजिस्ट की आवश्यकता नहीं होती हैं. लेकिन आपको बता दूं आज के समय में व्यापार छोटा हो या बड़ा उसके लिए व्यवसाय का पंजीकरण होना बहुत जरूरी है. ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की परेशानी उत्पन्न ना हो. 

    प्रधानमंत्री महिला रोजगार योजना 


    ग्रामीण महिलाओं के लिए योजना

    बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना


    बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का मुख्य उद्धेश्य घरेलू हिंसा को रोकना हैं. घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को कानून और चिकित्सा की सुविधा प्रदान की जाती हैं. पीड़ित महिलाएं 181 पर कॉल करके अपने लिए मदद मांग सकती हैं.

    सुकन्या समृद्धि योजना

    सुकन्या समृद्धि योजना खासतौर पर छोटी बच्चियों की उज्जवल भविष्य के लिए और अच्छी शिक्षा के लिए 2015 में शुरू की गई थी.


    प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना

    प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को किया गया था. योजना के माध्यम से गरीब व आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को रसोई के लिए गैस सिलेंडर उपलब्ध कराते हैं. ीजजचेः//ूू.पदकपं.हवअ.पद/

    सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना

    इस योजना की शुरुआत 2019 को किया गया था इसके अंतर्गत प्रसव के दौरान माँ एवं बच्चे का अच्छे से देखभाल के लिए और उन्हें उचित पोषण प्रदान करने के लिए किया गया है. जिससे माँ और बच्चा दोनों सुरक्षित रहे. 

    फ्री सिलाई मशीन योजना


    फ्री सिलाई मशीन योजना का लाभ शहरी एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्र की महिलाएं ले सकती है जिनकी आयु 20 वर्ष से अधिक हो. इस योजना के माध्यम से महिलाओ को आवेदन करने पर फ्री में सिलाई मशीन दिया जाता है जिससे वे कड़ाई, बुनाई, करके अपना जीवन चला सके और आत्मनिर्भर बनें. 

    प्रधानमंत्री समर्थ योजना


    प्रधानमंत्री समर्थ योजना उन महिलाओ के लिए हैं जो कोई उद्योग, बिजिनेस, व्यवसाय या व्यापार करना चाहती हैं. इस योजना के माध्यम से महिलाओ को कार्यों के बारे में जानकारी दी जाती है जिससे महिलाएं नई  नई तकनीकी ज्ञान ले सके. महिला रोजगार लोन योजना जिससे महिलाएं स्वयं का लघु उद्योग या गृह उद्योग शुरू करके आत्मनिर्भर बनें.

    राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम 

    राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम

    • महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम
    • महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार हमी योजना
    • राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम कब लागू किया गया
    • राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम कधी करण्यात आला
    • राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम मस्टर रोल
    • राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना
    • महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना
    • ग्रामीण रोजगार योजना
    • राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार हमी कायदा
    • राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम कधी सुरू करण्यात आला


    महिला गृह उद्योग  | ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार सरकार देगी मदद | Business Manatra | महिलाओं के लिए सरकारी योजना क्या है? गृह उद्योग के बारे में भी जानकारी है. किसी भी उद्योग, बिजनेस को शुरू करने से पहले यदि उसका प्रशिक्षण ले लिया जाए तो इसे करने में काफी आसानी होगी. प्रशिक्षण के दौरान माल तैयार करने से लेकर उसे बेचने आदि के बारे में भी जानकारी मिल जाती है. साथ ही साथ उद्योग को शुरू करने में मदद भी मिलती है. बहनों किसी भी बिजनेस को अपनाकर व थोड़ी सी मेहनत करके अच्छा पैसा कमा सकती है. (कॉपीराइट बिजनेस मंत्रा)

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