How to start Aroma Candles Business in india : low investment high profit business - Business Mantra

How to start Aroma Candles Business in india : low investment high profit business

 ऐरोमा कैंडेल बिजनेस :कम निवेश में लाखों की कमाई

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How to start Aroma Candles Business in india : कैंडल बिजनेस कैसे शुरू करें | Business Mantra


बिजनेस मंत्रा ब्लाग पर आपका स्वागत है. इस ब्लाग के माध्यम से हम नए बिजनेस आइडियाज, मोटिवेशन, कैरिअर, मार्केटिंग, अर्नमनी आदि के बारे में जानकारी देते हैं. हम जिन बिजनेस के बारे में जानकारी देते हैं वे होते तो आम बिजनेस ही है पर हम कुछ नए आइडियाज जोड़ कर उसे पेश करते हैं. इसके साथ ही मार्केटिंग और पब्लिसिटी के टिप्स भी देते हैं, जो नए बिजनेस शुरू करने वालों के लिए काफी फायदेमंद होते हैं.

बिजनेस मंत्रा ब्लाॅग  पर न्यू बिजनेस आइडिया New Business Idea के अंतर्गत आज हम जानकारी दे रहे है अरोमा कैंडल बिजनेस (Aroma Candle Making Business) कैसे शुरू करें. अरोमा कैंडल बिजनेस (Aroma Candle Making Business) एक ऐसा बिजनेस है जो नए उद्धमियों या स्टार्टअप के लिए एक सुनहरा अवसर है. अरोमा कैंडेल यानी सुगन्धित मोमबत्ती, जो विभिन्न सुगंधों और डिजाइन की होती है. आजकल मार्केट में अरोमा कैंडल की काफी डिमांड है. लोगों की डिमांड को देखते हुए अरोमा कैंडल बिजनेस (Aroma Candle Making Business) शुरू करना काफी फायदेमंद हो सकता है. अरोमा कैंडल बिजनेस (Aroma Candle Making Business) को साधारण मोमबत्ती उद्योग की तरह ही शुरू कर सकते है.

अरोमा कैंडेल यानी सुगन्धित मोमबत्ती, जो विभिन्न सुगंधों और डिजाइन की होती है. आजकल मार्केट में इसकी काफी डिमांड है. ऐसे में अरोमा कैंडल बिजनेस करना काफी फायदेमंद हो सकता है.

मोमबत्ती का प्रयोग लोग अंधेरा दूर करने के लिए करते थे, लेकिन आजकल यह घर सजाने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी इस्तेमाल किया जाने लगा है. अरोमा कैंडेल से घर का माहौल सुगन्धित होता है और इससे कई तरह की बीमारी भी दूर होती है. अरोमा कैंडेल जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. जिसकी वजह से इसकी डिमांड तेजी से बढ़ रही है. एक रिर्पोट के अनुसार देश में अरोमा कैंडेल की डिमांड 8 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है.




अरोमा कैंडिल बनाने की विधि, इसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री, सरकार द्वारा मिलने वाली मदद, मार्केटिंग और पब्लिसिटी के बारे में जानकारी दे रहे है इसके लिए ब्लाग को अंत तक जरूर पढ़ें.

आइए अरोमा कैंडिल बनाने की शुरूआत करते है.

मोमबत्ती बनाने के लिए सामग्री

वैक्स यानी मोम थोक मार्के से खरीद कर ला सकते है.

मोम को पिघलाने के लिए एक डबल बाॅयलर. यानी दो अलग-अलग साइज के बर्तन. एक बड़ा और एक छोटा बर्तन या मोम को पिघलने के लिए हीट रेसिस्टेंट पाॅट.

विभिन्न डिजाइन के डिजाइनर सांचें, मोमबत्ती में भरने के लिए धागा,

कैंडी या मोमबत्ती थर्मामीटर इसे आप कुकिंग या क्राफ्ट स्टोर से खरीद सकते है.

सुगंध के लिए चंदन, पिपरमिंट, दालचीनी, यूकेलिप्टिस, संतरा, नींबू गुलाब, लैवेंडर आदि एसेंस, मिलाने के लिए तेल युक्त रंग, यह भी आपको कुकिंग या क्राफ्ट स्टोर में मिल जाएगा.

सजावट के लिए पत्थर, मोती, सितारे, और लैंस, रंगीन थैं्रड, पानी, अखबार, कार्डबोर्ड, पुराना कपड़ा, सावधानी के लिए.

अरोमा कैंडिल बनाने के लिए कौन सा वैक्स यानी मोम का उपयोग करें
मार्केट में कई तरह के मोम पाए जाते है. जैसे पैराफीन मोम, सोया मोम, मधुमोम आदि.

एक पाउंड पैराफीन मोम को पिघलाने पर लगभग 20 औंस पिघला मोम मिलता है. इसी तरह से सोया मोम को पिघलाने पर 18 औंस और मधुमोम को पिघलाने पर लगभग 16 औंस पिघला मोम मिलता है.

पारंपरिक रूप से पैराफीन मोम से ही मोमबत्तियां बनाई जाती है और इसका सबसे अधिक उपयोग किया जा रहा है. क्योंकि यह सस्ता होता है. यदि आप पहली बार मोमबत्ती बनाने जा रहे हो तो पैराफीन मोम का ही उपयोग करें. इसे पिघलाना भी आसान है. और इसमें आसानी से कलर और एसेंस भी मिलाया जा सकता है.

आजकल सोया मोम का इस्तेमाल भी किया जाने लगा है. यह सोयाबीन से तैयार होता है और इसे आसानी से साफ किया जा सकता है. यह मोम अन्य मोम की तुलना में धीमे जलता है.

मधुमोम पूरी तरह से प्राकृतिक होता है इसमें न तो कोई कलर मिक्स होता है और न ही कोई एसेंस लेकिन इसमें वातावरण को शुद्ध करने का गुण होता है.

आइएं अब देखते है मोमबत्ती कैसे बनाते हैं.
सबसे पहले मोम को छोटे-छोटे टुकड़ो में काट लें. इससे यह जल्दी पिघल जाते हैं.
मोम के टुकड़ों को छोटे बर्तन में डाल लें. ध्यान रहे मोम को सीधे आंच पर गर्म नहीं करना है. इससे मोम में आग लग जाती है. और यह जल्दी वाष्पित हो जाता है. मोम को पिघलाने के लिए आंच पर बड़े बर्तन में आधा पानी डालकर गर्म करें. जब पानी गर्म होने लगे तब मोम रखे छोटे बर्तन को इसके ऊपर रख दंे. गर्म पानी की वजह से यह धीरे-धीरे पिघलने लगेगा.



यदि आप पैराफीन मोम का इस्तेमाल कर रहे है तो इसे 50 से 55 डिग्री संेटीग्रेड तक गर्म करना चाहिए. यदि आप सोया मोम का इस्तेमाल कर रहे है तो इसे 70 से 75 डिग्री संेटीग्रेड तक गर्म करे और इसी तरह से मधुमोम को तब तक गर्म करना चाहिए जब कि यह 60 डिग्री सेंटीग्रेड तक न पहुंच जाएं.

मोम के ताप का पता लगाने के लिए कैंडी या मोमबत्ती थर्मामीटर का इस्तेमाल करें. इसकी मदद से आपको मोम के सही गर्म होने का पता चल जाएगा.

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अरोमा मोमबत्ती बनाने के लिए अब इस पिघले हुए मोम में चंदन, पिपरमिंट, दालचीनी, यूकेलिप्टिस, संतरा, नींबू, गुलाब, लैवेंडर में से किसी भी सुगंध की चार-पांच बूंदे मिला लें. मोमबत्ती में सिण्ड्रेला गंध तेल का उपयोग भी किया जा सकता है, इससे मोमबत्ती जलाने पर मच्छर जैस कीट भाग जाते है.

कलरफूल मोमबत्ती बनाने के लिए इसमें अपनी पसंद का तेल युक्त रंग बूंद-बंूछ करके तब तक मिलाएं जब तक आपको अपने पसंद का रंग न मिल जाए. ध्यान रहे शीशी पर दिए निर्देश के अनुसार ही इसका इस्तेमाल करें. मोमबत्ती को कलरफुल बनाने के लिए मोम कलर पेंसिल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

अब यह पिघला मोम डिजाइनर सांचे में डालने के लिए तैयार है. डिजाइनर मोमबत्ती में धागा दो तरह से डाला जा सकता है.

पहला तरीका है, धागे को डिजाइनर सांचे के ठीक बीच में रखें. ध्यान रहे धागे को सांचे से कम से कम दो इंच ऊपर तक होना चाहिए. धागे को सांचे के ठीक बीच में सीधा खड़ा रखने के लिए इसके ऊपरी सिरे को किसी लकड़ी में फंसा दें. अब पिघले हुए मोम को धीरे-धीरे सांचे में डालें.

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अब इन्हें प्राकृतिक तौर पर ठंडा होने के लिए रख दें. पैराफिन मोमबत्यिां को ठंडा होने में लगभग 20 घंटे लगते हैं. सोया मोमबत्यिों को लगभग 4 से 5 घंटे और मधु मोमबत्यिों को ठंडा होने में लगभग 6 से 7 घंटे लगते हैं.

ठंडा हो जाने के बाद आप मोमबत्तियों के धागे को एक चैथाई इंच तक रखकर काट दे.
दूसरा तरीका है आप धागा डाले बिना भी सांचे में पिघला मोम भर दें. इसके ठण्डा हो जाने के बाद इसे डील मशीन से छेद करके इसमें धागा भर दें.

अरोमा कैंडल की पैकिंग


अरोमा कैंडिल की कीमत साधारण मोमबत्ती से अधिक होती है. इनकी कीमत इसके साइज, डिजाइन और सुंगध पर डिपेंट करता है. इसमें बचत भी काफी होती है.

अरोमा कैंडल की मार्केटिंग

आज से पहले घर में सुबह शाम सुगंधित अगरबत्ती और तेल या घी के दिए जलाएं जाते थे. अगरबत्ती के धुएं की एलर्जी की वजह से अब लोग ऐरोमा कैंडिल का इस्तेमाल कर रहे है. वैसे तो एरोमा कैंडिल का इस्तेमाल सबसे अधिक हाई क्लास फैमिली में किया जा रहा था. अब धीरे-धीरे इसका इस्तेमाल आम लोग भी करने लगे है.

अरोमा कैंडिल की बिक्री के लिए आप बड़े शोरूम, माॅल, डिपार्टमेंटल स्टोर, मेडिकल स्टोर आदि जगहों में सप्लाई दे सकते हैं. इसके अलावा आप मंदिर या चर्च के आसपास स्टाॅल लगा कर बेच सकते हैं.

स्वास्थ्यवर्धक और सुंगध की वजह से अरोमा कैंडिल की डिमांड विदेशों में काफी है. भारत से इसका निर्यात काफी बडे़ स्तर पर हो रहा है. आप चाहे तो एक्सर्पोट करने वाली कंपनी से संपर्क कर उन्हें अपना माल बेच सकते है या इसका लाइसेंस बनवा कर खुद भी कैंडिल एक्सर्पोट का कारोबार शुरू कर सकते हैं.

आप आॅनलाइन मार्केटिंग साइट जैसे    aromashop,   indiamart,      shopclues,      qtrove, ईकाॅमर्स वेबसाइट के माध्यम से अरोमा कैंडिल आसानी से बेच सकते है.

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अरोमा कैंडल की प्रकार

अरोमा कैंडल का एक अच्छा सा वेबसाइट तैयार बनवाएं. वेबसाइट में अरोमा कैंडिल के फोटोग्राॅफस और डिटेंलस अपलोड करें, डिटेंल में आप यह जरूर लिखे कि किस कौन से सुगंध वाले अरोमा कैंडल से स्वास्थ्य के लिए क्या फायदा होगा जैसे:-

चंदन अरोमा कैंडिल का उपयोग एंटीसेप्टिक, शरीर को आराम देने, उत्साहवर्धक और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए किया जाता है.

लैमन अरोमा कैंडिल की महक से बुखार और जुखाम में लाभ मिलता है. इससे शरीर के इम्युन सिस्टम भी मजबूत होता है.

युकेलिप्टिस अरोमा कैंडिल से मांसपेसियों और जोड़ों का दर्द दूर हो जाता है.

लैवेंडर अरोमा कैंडिल की खुश्बू से तनाव दूर होता है और भरपूर नींद आती है.

ओरेंज अरोमा कैंडिल के इस्तेमाल से डिप्ररेषन की प्राब्लम दूर हो जाती है. और शरीर के जोड़ों में भी दबाव कम होने लगता है.

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दालचीनी अरोमा कैंडिल से घबराहट दूर होती है और ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है.

पिपरमिंट अरोमा कैंडिल खांसी, जुखाम के दौरान फेफड़ों की सफाई करने में मदद करता है. 

इस तरह से पब्लिसिटी करने पर अनजान लोगों को भी इसके फायदे के बारे में जानकारी होती है और वे इसे खरीदने के लिए तैयार हो जाते हैं. वेबसाइट के माध्यम से देश-विदेश के लोग आप से संपर्क कर सकते हैं.

पब्लिसीटी के बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप हमारा वीडियो ‘‘वाट्सएप द्वारा बिजनेस कैसें करें’ देखे सकते हैं.

मोमबत्ती उत्पादन लघु उद्योग और कुटीर उद्योग के अंतर्गत आता है. इसे कम पूंजी में भी शुरू किया जा सकता है. आप दस हजार से एक लाख रूपए तक की पूंजी में इस बिजनेस को शुरू कर सकते है.



डिजाइनर मोमबत्ती बनाने के लिए आप सरकारी प्रशिक्षण ले सकते है. इसके लिए सरकार की तरफ से व्यावसायिक प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत सशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है. इसकी अवधि तीन माह से एक साल तक की होती है. इसके बाद आप बिजनेस को बेहतर तरीके से कर सकते है.

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मोमबत्ती उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार व खादी ग्रामोद्योग नए लोगों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रशिक्षिण कार्यक्रम चलाती रहती है. नए उद्यमियों को सरकार हर तरह की सहायता देती है. महिलाओं, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति को ऋण में 30 प्रतिशत तक छूट मिलती है.

ध्यान रखने वाली बातें

- पैराफिन मोम को पिघलाने से एक तरह का रसायन निकलता है जिससे कुछ लोगों को एलर्जी होती है. 

- बर्तन से मोम निकालना मुश्किल होता है इसलिए मोम को पिघलाने के लिए हीट रेसिस्टेंट पाॅर्ट का इस्तेमाल करें.

- मोमबत्ती बनाने से पहले आसपास की जगह साफ और खाली रखें. अपने पास अखबार, मोमिया कागज, तौलिया या पुराने सुती कपड़ा जरूर रखें.

- मोम को पिघलाने से पहले उसके छोटे-छोटे टुकड़े कर ले. यह जल्दी और आसानी से पिघल जाते हैं.

- मोम को पिघलाते समय तेज आंच पर न रखें इससे आग लगने का खतरा रहता है. (कॉपीराइट बिजनेस मंत्रा)




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